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बांग्लादेश में 11 दिन के ब्लैकआउट के बाद मोबाइल इंटरनेट बहाल - bangladesh student protests

BANGLADESH RESTORES MOBILE INTERNET: बांग्लादेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर घातक विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी ब्लैकआउट लागू करने के 11 दिन बाद मोबाइल इंटरनेट बहाल कर दिया है.

BANGLADESH RESTORES MOBILE INTERNET
प्रतीकात्मक तस्वीर. (AP)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 29, 2024, 9:02 AM IST

ढाका: सरकारी नौकरियों में कोटा के खिलाफ भयंकर विरोध प्रदर्शन के 11 दिन बाद बांग्लादेश ने रविवार को मोबाइल इंटरनेट बहाल कर दिया. अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, दूरसंचार और सूचना संचार प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जुनैद अहमद पलक की ओर से घोषणा किए जाने के कुछ घंटों बाद रविवार को 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं फिर से शुरू हो गईं. राजधानी ढाका में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) और अन्य हितधारकों के साथ बैठक के बाद राज्य मंत्री ने कहा कि हमने आज दोपहर 3 बजे (स्थानीय समय) से 4जी नेटवर्क कनेक्टिविटी बहाल करने का फैसला किया है.

हालांकि, व्हाट्सएप, फेसबुक, टिकटॉक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध जारी रहेगा. इससे पहले बीते मंगलवार को ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी बहाल कर दी गई थी. बता दें कि बांग्लादेश में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का एक बड़ा मोबाइल उपकरणों पर निर्भर है. बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने रविवार को कहा कि हिंसा के दौरान कम से कम 147 लोग मारे गए. सरकार ने पहली बार हिंसा के दौरान पीड़ितों की संख्या जारी की है. इससे पहले मुख्य प्रदर्शनकारी समूह, स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन ने कहा था कि हिंसा के दौरान 266 लोगों की जान गई है.

ढाका में पत्रकारों से बात करते हुए, खान ने कहा कि मृतकों में छात्र, पुलिस, कार्यकर्ता और विभिन्न व्यवसायों के लोग शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कुल मृतकों की संख्या निर्धारित करने के लिए आगे की जांच चल रही है. गृह मंत्री ने आगे कहा कि पुलिस ने संयम से काम लिया और केवल सरकारी इमारतों की सुरक्षा के लिए प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई. उन्होंने कहा कि पुलिस ने केवल अपनी सुरक्षा के लिए कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया था.

उन्होंने कहा कि अपने साथी अधिकारियों की हत्या के बावजूद, उन्होंने अत्यधिक धैर्य दिखाया. लेकिन जब उन्होंने देखा कि संपत्तियों की सुरक्षा नहीं की जा सकती, तो पुलिस को मजबूरन गोली चलानी पड़ी. हालांकि, अल जजीरा के अनुसार, स्वतंत्र अनुमानों के अनुसार मृतकों की संख्या 200 से अधिक है.

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