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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ एक और हत्या का मामला दर्ज - Murder Case Against Sheikh Hasina

बांग्लादेश में तख्तापलट से पहले ही इस्तीफा देकर अपने देश से भागीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ एक शिक्षक की मौत के मामले में हत्या का मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना भारत चली आई थीं.

Former PM of Sheikh Hasina
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (फोटो - ANI Photo)

By PTI

Published : Aug 16, 2024, 4:29 PM IST

ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ शुक्रवार को एक शिक्षक की मौत के मामले में हत्या का मामला दर्ज किया गया. यह मामला उनके पद से हटाए जाने के बाद दर्ज किए गए मामलों की श्रृंखला में नवीनतम है. यह मामला हसीना और अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर के खिलाफ बोगुरा में दर्ज किया गया.

76 वर्षीय हसीना 5 अगस्त को भारत भाग गई थीं, जब सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था. 4 अगस्त को शिबगंज उपजिला के पालीकांडा गांव के निवासी 35 वर्षीय सलीम हुसैन की हत्या के मामले में बोगुरा सदर पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में उनकी पार्टी के 99 अन्य स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भी मुकदमा दर्ज किया गया था.

छात्रों के नेतृत्व में हुए जनांदोलन के कारण हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़कर भागने से एक दिन पहले 4 अगस्त को हुसैन बोगुरा के सतमाथा इलाके में छात्रों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे. शिकायत के अनुसार, अवामी लीग (एएल) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया और हुसैन को धारदार हथियारों से काटकर मार डाला.

हुसैन के भाई ने आरोप लगाया कि एएल के लोगों ने हसीना और कादर से आदेश मिलने के बाद उसके भाई की हत्या कर दी. 5 अगस्त को हसीना को पद से हटाए जाने के बाद उनके खिलाफ दर्ज किए गए मामलों की श्रृंखला में यह नवीनतम मामला है. 2015 में एक वकील के अपहरण के आरोप में हसीना और उनके मंत्रिमंडल के पूर्व मंत्रियों सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ 14 अगस्त को जबरन गायब करने का मामला दर्ज किया गया था.

13 अगस्त को हसीना और छह अन्य के खिलाफ पिछले महीने हुई हिंसक झड़पों के दौरान एक किराना दुकान के मालिक की मौत को लेकर हत्या का मामला दर्ज किया गया था, जिसके कारण उनकी सरकार गिर गई थी. बांग्लादेश में हसीना सरकार के पतन के बाद देशभर में भड़की हिंसा की घटनाओं में 230 से अधिक लोग मारे गए, जिससे मध्य जुलाई में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के शुरू होने के बाद से मरने वालों की संख्या 560 हो गई.

बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री और नौ अन्य के खिलाफ नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों की जांच शुरू की, जो 15 जुलाई से 5 अगस्त तक उनकी सरकार के खिलाफ छात्रों के जन आंदोलन के दौरान हुए थे.

बुधवार को बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की जांच एजेंसी में हसीना, अवामी लीग के महासचिव और पूर्व सड़क परिवहन और पुल मंत्री कादर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पार्टी के कई अन्य प्रमुख लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई.

गुरुवार को घोषणा की गई कि संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की एक टीम पिछले सप्ताह शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे से पहले और उसके बाद प्रदर्शनकारियों की हत्याओं की जांच करने के लिए अगले सप्ताह बांग्लादेश का दौरा करेगी. हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया और 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को इसका मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया है.

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