नई दिल्ली/कजान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ब्रिक्स समिट (BRICS Summit) को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण के मामले में दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है. 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, हमें आतंकवाद और टेरर फंडिंग से मजबूती से लड़ना होगा.
पीएम मोदी ने कहा कि, "हमें युवाओं को कट्टरपंथ की ओर जाने से रोकना होगा. भारत युद्ध नहीं संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है." पीएम मोदी ने कहा कि, आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए हमें सभी के एकनिष्ठ और दृढ़ समर्थन की आवश्यकता है. इस गंभीर मामले में दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब दुनिया युद्ध, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रही है.
पीएम ने कहा, दुनिया उत्तर-दक्षिण विभाजन और पूर्व-पश्चिम विभाजन के बारे में बात कर रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मुद्रास्फीति को रोकना, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, जल सुरक्षा सुनिश्चित करना दुनिया के सभी देशों के लिए प्राथमिकता के मामले हैं. और प्रौद्योगिकी के इस युग में, साइबर डीपफेक, गलत सूचना जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं." प्रधानमंत्री ने कहा, "ऐसे समय में ब्रिक्स से बहुत उम्मीदें हैं.
मोदी ने कहा, "मेरा मानना है कि एक विविधतापूर्ण और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी क्षेत्रों में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है. इस संबंध में हमारा दृष्टिकोण लोगों पर केंद्रित होना चाहिए. हमें दुनिया को यह संदेश देना होगा कि ब्रिक्स विभाजनकारी संगठन नहीं है, बल्कि मानवता के हित में काम करता है." उन्होंने युद्ध के बजाय संवाद और कूटनीति के लिए भारत के समर्थन को दोहराया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "और जिस तरह हम कोविड जैसी चुनौती से मिलकर पार पा सके, उसी तरह हम निश्चित रूप से भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नए अवसर पैदा करने में सक्षम हैं." "आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए हमें सभी के एकनिष्ठ, दृढ़ समर्थन की आवश्यकता है. इस गंभीर मामले में दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है. हमें अपने देशों में युवाओं के कट्टरपंथीकरण को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है." उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लंबे समय से लंबित मामले पर मिलकर काम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. ब्लॉक के विस्तार पर, भारत भागीदार देशों के रूप में ब्रिक्स में नए देशों का स्वागत करता है.
उन्होंने कहा, "इस संबंध में सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाने चाहिए, तथा ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए. जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन के दौरान अपनाए गए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं का सभी सदस्यों और भागीदार देशों द्वारा अनुपालन किया जाना चाहिए."