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'होम्यो परिवार: एक स्वास्थ्य, एक परिवार' थीम पर मन रहा है विश्व होम्योपैथी दिवस - WORLD HOMEOPATHY DAY 2024

World Homeopathy Day 2024 : होम्योपैथी के बारें में लोगों में जागरूकता बढ़ाने तथा ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसकी पहुंच को बढ़ाने के उद्देश्य

World Homeopathy Day 2024
विश्व होम्योपैथी दिवस (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 9, 2024, 4:52 PM IST

हैदराबाद :होम्योपैथी को सुरक्षित व काफी प्रभावी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति माना जाता है. बहुत से लोग इसके प्रभावों को मानते हैं तथा सामान्य समस्याओं में इसे प्राथमिकता भी देते हैं. लेकिन कई लोगों में इस चिकित्सा पद्धति को लेकर काफी भ्रम भी देखने में आते हैं. होम्योपैथी के बारे में लोगों में बेहतर समझ तथा जागरूकता पैदा करने के लिए प्रयास करने तथा इस चिकित्सा प्रणाली को मजबूत व आधुनिक बनाने के प्रयासों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है.

सुरक्षित और कारगर है होम्योपैथी
लगभग सभी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों में से होम्योपैथी को सबसे प्रभावी पद्धतियों में से एक माना जाता है. ‘शरीर खुद को ठीक कर सकता है तथा बीमारी को जड़ से खत्म करने’ की सोच को लेकर चलने वाले होम्योपैथिक इलाज की खासियत यह है कि एक तो इसमें सभी उम्र के लोगों का इलाज किया जा सकता है वहीं इसके दुष्प्रभाव या पार्शवप्रभाव बहुत कम या बिल्कुल भी नहीं होते हैं .

दरअसल होम्योपैथी चिकित्सा प्रणाली शरीर की खुद की उपचार प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करने के सिद्धांत पर आधारित है , जो पौधों और खनिजों जैसे प्राकृतिक पदार्थों की मदद से शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को तेज करने का प्रयास करती है. गौरतलब है कि 200 साल से पुराने इतिहास वाली होम्योपैथिक चिकित्सा दुनिया के 100 से अधिक देशों में प्रचलित है.

होम्योकेयर विजयनगर इंदौर मध्य प्रदेश के होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ महेश वर्मा बताते हैं कि होम्योपैथी में मुख्य समस्या के साथ पीड़ित के शरीर की प्रकृति, उसकी आम समस्याओं, जीवनशैली, वंशानुगत कारक तथा उसकी बीमारियों के इतिहास को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति का इलाज किया जाता है. इस पद्धति में इलाज “वही रोग वही इलाज” सोच के साथ किया जाता है. यानी यदि किसी पदार्थ से एक स्वस्थ व्यक्ति में बीमारी के लक्षण होने लगते हैं, तो वही पदार्थ उसे थोड़ी सी मात्रा में देने पर वह ठीक हो सकता है. इसी लिए इस चिकित्सा पद्धति में दवाओं की मात्रा बेहद कम होती है. वह बताते हैं कि होम्योपैथिक दवाएं शरीर की अपने आप ठीक होने की क्षमता को बढ़ा देती है.

डॉ महेश वर्मा बताते हैं कि वैसे तो कई कम या ज्यादा परेशान करने वाली समस्याओं व अवस्थाओं में होम्योपैथिक इलाज को काफी कारगर माना जाता है . लेकिन ज्यादातर लोग एलर्जी, हल्के फुल्के संक्रमण, बच्चों से जुड़ी बीमारियों, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम और अन्य कई स्त्री रोगों , जोड़ों के दर्द, रूमेटाइड आर्थराइटिस , माइग्रेन, अवसाद ,क्रोनिक फटीग सिंड्रोम या मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न परेशानियों, लिवर से संबंधित परेशानियों जैसे एसिडिटी की समस्या, आंत की बीमारी आदि तथा कई अन्य समस्याओं में होम्योपैथिक इलाज को प्राथमिकता देते हैं.

विश्व होम्योपैथी दिवस का इतिहास तथा वर्ष 2024 की थीम
होम्योपैथी चिकित्सा के बारे में लोगों में बेहतर समझ बढ़ाने, इसके आम जन तक प्रसार को सरल बनाने के लिए प्रयास करने, इसे लेकर उनके भ्रमों को दूर करने तथा इस वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली के वैश्विक स्तर पर उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ ही होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. सैमुअल हैनिमैन की जयंती को मनाने के लिए हर साल 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है. हर साल यह आयोजन एक अलग थीम के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष विश्व होम्योपैथी दिवस 2024 'होम्यो परिवार: एक स्वास्थ्य, एक परिवार' थीम पर मनाया जा रहा है.

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