चंडीगढ़: अक्सर किसी दुर्घटना के चलते शरीर के अंग कट जाने से जहां व्यक्ति को उम्र भर उस अंग के काटने का अफसोस होता था, वहीं आज आधुनिक दौर में प्लास्टिक एंड मस्कुलर सर्जरी की मदद से कटे हुए अंगों को जोड़ने और फिर से उसे सामान्य रूप देने वाली तकनीक आ चुकी है. इस तकनीक के माहिर एक्सपर्ट डॉक्टर विशाल गौतम और अखिल गर्ग की टीम मिलकर विशेष केस पर काम करती आ रही है. कैसे इस तकनीक से शरीर के कटे अंग को जोड़ा जाता है, इसके लिए अहम जानकारी के साथ ईटीवी भारत से डॉक्टर विशाल गौतम और डॉ. अखिल गर्ग ने खास बातचीत की है.
चंडीगढ़ में ये अस्पताल कर रहा रीइम्प्लांटेशन : शरीर के अंग का पूरी तरह से कट जाना और फिर से जोड़ने के लिए आज के समय में एक जटिल माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी सफलतापूर्वक ईजाद हो चुकी है. यह उन लोगों के लिए आशा की किरण है, जो दुर्घटनाओं के कारण ऐसी स्थिति का सामना करते हैं. प्लास्टिक और माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी के कंसल्टेंट डॉ. अखिल गर्ग और हाथ सर्जरी के कंसल्टेंट डॉ. विशाल गौतम के नेतृत्व में ट्राई सिटी के जाने माने अस्पताल फोर्टिस मोहाली की टीम रीइम्प्लांटेशन सर्जरी करती आ रही है, जिससे न जाने कितने ही लोगों को नया जीवन मिला है.
रक्त प्रवाह शुरू किया जाता है: डॉ. अखिल गर्ग और डॉ. विशाल गौतम ने माइक्रो वैस्कुलर रीइम्प्लांटेशन सर्जरी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रीइम्प्लांटेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें रोगी के शरीर के पूरी तरह से कटे हुए हिस्से को फिर से जोड़ा जाता है और उसके रक्त प्रवाह को बहाल किया जाता है.