मुंबई: मुंबई के एक नागरिक अस्पताल में एक प्रजनन क्लिनिक कम आय वर्ग के उन जोड़ों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है, जो बच्चे पैदा करना चाहते हैं. यह कम लागत पर बांझपन का इलाज कर सफल इलाज प्रदान करता है. क्लिनिक ने पिछले साल अक्टूबर में नागरिक संचालित लोकमान्य तिलक नगर जनरल अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में काम करना शुरू किया, जिसे सायन अस्पताल के नाम से भी जाना जाता है.
अस्पताल के स्त्री रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और फर्टिलिटी क्लिनिक की प्रमुख डॉ. अर्चना भोसले ने पीटीआई को बताया कि 155 महिलाएं, जिनमें ज्यादातर निम्न आय वर्ग से हैं, का इलाज चल रहा है. उनमें से 23 पहले ही गर्भधारण कर चुकी हैं. क्लिनिक वर्तमान में सहायक प्रजनन तकनीक (एआरटी) स्तर -1 प्रजनन उपचार प्रदान करता है, जिसमें ओव्यूलेशन प्रेरण, अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (आईयूआई), प्रजनन दवाएं और चक्र निगरानी शामिल है.
डॉ. भोसले ने कहा कि निजी अस्पतालों में एआरटी लेवल-1 उपचार की लागत 30,000 से 60,000 रुपये प्रति चक्र है, लेकिन वे पूरा इलाज सिर्फ 2,500 रुपये की लागत पर करते हैं, जिसमें दवाएं उपलब्ध कराना भी शामिल है. पड़ोसी नवी मुंबई के खारघर की एक 25 वर्षीय महिला ने अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए कहा कि पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज) का पता चलने के बाद, उसने क्लिनिक में इलाज कराया. अब वह गर्भावस्था के छठे महीने में है. उन्होंने कहा, 'शादी के 2-3 महीनों के भीतर मुझे अनियमित मासिक धर्म और बांझपन का सामना करना पड़ा. एक स्थानीय अस्पताल में सोनोग्राफी में पीसीओडी का पता चला, जिससे मैं बहुत तनाव में थी. सायन अस्पताल में इलाज से मेरे जीवन में खुशियां आईं'.
डॉ. भोसले और उनकी टीम एंड्रोलॉजी विभाग के साथ समन्वय में क्लिनिक चलाती है. ये क्लिनिक में इलाज करा रही महिलाओं के पुरुष भागीदारों के प्रजनन संबंधी मुद्दों को समझने में मदद करती हैं. डॉक्टरों ने बताया कि फर्टिलिटी क्लिनिक आवश्यक मशीनरी से सुसज्जित है, जिसमें एक अल्ट्रासाउंड मशीन भी शामिल है, जो उन्हें आईयूआई जैसी प्रक्रियाओं के लिए सटीक समय निर्धारित करने में मदद करती है. इससे सफलता की संभावना बढ़ जाती है.