हैदराबाद: आज के दौर में नेत्र या दृष्टि से जुड़ी बीमारियों या समस्याओं के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. बच्चे हों या बड़े, आजकल विजन में कमी या धुंधला विजन, कॉर्निया या लैंस से संबंधित समस्याएं तथा कई अन्य प्रकार के नेत्र रोग, सभी में काफी आम हो गए हैं. जानकारों की मानें तो कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के अलावा जरूरत से ज्यादा स्क्रीन टाइम, पोषण में कमी तथा स्लीप हाइजीन में कमी जैसे कारणों को इसके लिए जिम्मेदार माना जा सकता है. Astigmatism भी एक ऐसा ही नेत्र रोग है जो पीड़ित में धुंधले विजन के साथ कई अन्य Eye problems का कारण बन सकता है.
एस्टिग्मेटिज्म का कारण तथा प्रभाव : नई दिल्ली की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ नूपुर जोशी बताती है कि Astigmatism एक ऐसा नेत्र रोग है जो धुंधले विजन के साथ कुछ अन्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है. वह बताती हैं की हमारी आंखों में मौजूद लेंस और कॉर्निया आकार में गोल होते हैं. लेकिन कई बार कुछ लोगों में अनुवांशिक कारणों से, आंख से संबंधित किसी बीमारी के चलते, आंखों की किसी प्रकार की सर्जरी या किसी चोट के चलते, बहुत ज्यादा समय किसी भी प्रकार (विशेषकर मोबाइल) की स्क्रीन के सामने बिताने से या बेहद कम लाइट में पढ़ने जैसा काम करने आदि के चलते लेंस और कॉर्निया का आकार बदलने लगता है. जो एस्टिग्मेटिज्म का कारण बनता है.
Astigmatism में आंखों में लेंस या फिर कॉर्निया या तो अपने मूल आकार से ज्यादा फैल जाते हैं और बड़े हो जाते हैं या फिर सिकुड़ जाते हैं. ऐसे में आंखों में प्रवेश करने वाली रोशनी रेटिना पर केंद्रित नहीं हो पाती है और पीड़ित को धुंधले विजन की समस्या का सामना करना पड़ता है. इसे रिफ्रैक्टिव एरर( Refractive Error ) भी कहा जाता है. इस अवस्था में विजन में धुंधलापन मायोपिया (दूर की चीजें धुंधली दिखाई देना) या हाइपरोपिया (पास की चीजें धुंधली दिखाई देना) दोनों प्रकार का हो सकता है. वह बताती हैं की Astigmatism की समस्या किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकती है. लेकिन बच्चों में इसके मामले ज्यादा देखने में आते हैं.
एस्टिग्मेटिज्म के लक्षण : Astigmatism Symptoms :डॉ नूपुर जोशी बताती हैं कि एस्टिग्मेटिज्म के लक्षण ज्यादातर अन्य विजन संबंधी समस्याओं जैसे ही होते हैं. जैसे
- सिर में दर्द
- धुंधला विजन या धुंधला दिखना
- किसी वस्तु पर नजर केंद्रित करने में दिक्कत होना
- चीजों को देखने के लिए आंखो को सिकुड़ना
- आंखों में दबाव महसूस करना, आदि.
एस्टिग्मेटिज्म के निदान : Astigmatism Treatment
वह बताती हैं कि Astigmatism का इलाज कारणों तथा इस बात के आधार पर किया जाता है कि पीड़ित को मायोपिया है या हाइपरोपिया. आंखों की जांच के बाद शुरुआत में चिकित्सक रोगी की अवस्था, मरीज में दृष्टि दोष के प्रकार तथा आंखों के नंबर के आधार पर चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करने तथा जरूरी तौर पर कुछ सावधानियों को अपनाने की सलाह देते हैं. इसके अलावा कई बार मरीज की अवस्था के आधार पर उन्हे आई ड्रॉप तथा ओरल पिल्स भी प्रिस्क्राइब किए जा सकते हैं. वहीं कई बार मरीज की अवस्था के आधार पर चिकित्सक रिफ्रैक्टिव सर्जरी कराने की सलाह भी दे सकते हैं . रिफ्रेक्टिव सर्जरी जैसे लेसिक सर्जरी या फ़ोटोरेफ्रेक्टिव केराटेक्टोमी में सर्जन लेजर बीम की मदद से कॉर्निया को सही आकार दे देते हैं.