श्रीनगर: मनीषा और अनुज के शिशु का बेस चिकित्सालय में 12 जुलाई को जन्म हुआ. शिशु के जन्म होते ही उसकी हालत गम्भीर थी. शिशु सांस ठीक से नहीं ले पा रहा था. शिशु के गर्भ में ही मल त्याग देने से फेफड़ों में दिक्कतें आ गई थी. इस पर बाल रोग विभाग के डॉक्टरों ने शिशु की गंभीर हालत को देखते हुए नीक्कू वार्ड में वेंटीलेटर पर रखा और आवश्यक दवाइयां दी गईं. लगभग 18 दिन तक चले इलाज के बाद शिशु की हालत में सुधार हुआ हुआ. मंगलवार को मनीषा और अनुज अपने स्वस्थ्य बच्चे को बेस चिकित्सालय के घर लगे गये. मनीषा और अनुज ने बेहतर इलाज मिलने पर बाल रोग विभाग के डॉक्टरों का आभार प्रकट किया.
नवजात की नहीं चल रही थी सांस, हार्ट भी नहीं कर रहा था काम, तभी 'धरती के भगवान' ने किया चमत्कार! - new life to the newborn - NEW LIFE TO THE NEWBORN
Successful treatment of newborn baby in Srinagar Base Hospital नवजात शिशु की किलकारी सुनने के लिए पूरा घर लालायित रहता है. लेकिन जन्म के समय कई शिशुओं को जटिलता का सामना करना पड़ता है. ऐसा ही मामला श्रीनगर गढ़वाल के बेस चिकित्सालय में देखने को मिला. नवजात शिशु को आई कई दिक्कतों को बेस अस्पताल के कुशल चिकित्सकों ने कैसे दूर किया और कैसे शिशु 18 दिन बाद स्वस्थ होकर घर गया, इस खबर में जानें.
Published : Jul 31, 2024, 11:42 AM IST
|Updated : Jul 31, 2024, 1:36 PM IST
डॉक्टरों ने शिशु को दिया नया जीवन: बेस चिकित्सालय के बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सीएम शर्मा ने बताया कि श्रीनगर अपर बाजार निवासी मनीषा अस्पताल में प्रसव कराने के लिए पहुंची थीं. प्रसव होने के बाद मनीषा के शिशु को सांस लेने में काफी दिक्कतें आ गई थी. शिशु का हार्ट भी सही तरीके से काम नहीं कर रहा था. गर्भ में ही शिशु के मल त्याग करने से फेफड़ों में भी दिक्कतें आ गई थी. सांस लेने में नवजात शिशु को काफी दिक्कतें आ रही थी, तो बच्चे को तीन दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया. डॉ शर्मा ने बताया कि बच्चे का हार्ट भी ढंग से काम नहीं करने पर तीन-तीन प्रकार की हार्ट संबंधी दवा उपचार के दौरान दी गई. धीरे-धीरे शिशु की हालत में सुधार आया तो मां का दूध पीने लगा. 18 दिनों तक चले इलाज के बाद स्वस्थ्य होने पर शिशु को अस्पताल से छूट्टी दे दी गई.
जन्म के समय आई दिक्कतें की दूर: शिशु की मां मनीषा एवं पिता अनुज ने बेस चिकित्सालय के डॉक्टरों द्वारा उनके शिशु का बेहतर इलाज करने पर आभार जताया. उन्होंने कहा कि जब उनके शिशु में सांस लेने संबंधी दिक्कतें और हार्ट की दिक्कत बताई गई तो वह डर गये थे. डॉक्टरों ने बेहतर चिकित्सा देकर उनके बच्चे का सफल इलाज कर घर में नई खुशी दीं. उन्होंने अस्प्ताल में आधुनिक वेंटिलेटर सहित तमाम सुविधा बेहतर करने पर चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग व उत्तराखंड सरकार आभार प्रकट किया. बच्चे के इलाज के दौरान बाल रोग विभाग की अस्टिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अंकिता गिरि, जेआर डॉ अर्चिता, डॉ ज्ञान प्रकाश, डॉ उर्वशी एवं नर्सिंग स्टाफ पंकज, साइबा आदि ने भरपूर सहयोग दिया.
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