पान के पत्ते या पान सदियों से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहे हैं. इस छोटे लेकिन शक्तिशाली पत्ते ने लाखों भारतीयों के दिलों और स्वाद पर कब्जा कर लिया है. शादियों से लेकर त्यौहारों तक, पान हर उत्सव का एक जरूरी हिस्सा है, जो युवा और बूढ़े दोनों के दिलों में अपनी जगह बनाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पान सिर्फ मजेदार और स्वादिष्ट पत्ता ही नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य लाभों से भी भरपूर है? जी हां, आपने सही पढ़ा, मधुमेह को नियंत्रित करने से लेकर तनाव को कम करने तक, इस साधारण पत्ते में कई औषधीय गुण हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए चमत्कार कर सकते हैं...
पान के पत्तों में मधुमेह, हृदय संबंधी, सूजन-रोधी, अल्सर-रोधी और संक्रमण-रोधी गुण होते हैं. प्रति 100 ग्राम पान के पत्तों में 1.3 माइक्रोग्राम आयोडीन, 4.6 माइक्रोग्राम पोटैशियम, 1.9 मोल या 2.9 एमसीजी विटामिन ए, 13 माइक्रोग्राम विटामिन बी1 और 0.63 से 0.89 माइक्रोग्राम निकोटिनिक एसिड होता है.
मुंबई के निरोग आयुर्वेदिक चिकित्सालय की चिकित्सक डॉ मनीषा काले बताती हैं कि पान के पत्ते को आयुर्वेद में काफी उपयोगी जड़ी-बूटी माना जाता है तथा इसका उल्लेख चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में मिलता है. वह बताती हैं कि पान के पत्ते में कई गुण पाए जाते हैं इसलिए इसका इस्तेमाल कई तरह के रोगों के इलाज में किया जा सकता है. सिर्फ औषधि के रूप में ही नहीं, बल्कि प्रतिदिन के आहार में इसका नियंत्रित मात्रा में सेवन भी सेहत को कई तरह से फायदे पहुंचा सकता है.
मधुमेह को नियंत्रित करता है
पान के पत्तों में एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण होते हैं जो शुगर की समस्या को नियंत्रित करने का काम करते हैं.पान के पत्ते रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को बढ़ने से रोकते हैं. टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को सुबह खाली पेट इसके पत्ते चबाने से फायदा होता है. अध्ययनों से पता चलता है कि पान के पत्तों में ऐसे यौगिक होते हैं जो इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.
डायबिटीज रोगी इससे बच कर रहना चाहिए
हालांकि,डॉ मनीषा काले के मुताबिक, डायबिटीज रोगी को बाजार में मिलने वाले पान के इस्तेमाल से बचना चाहिए. हम जो पान बाजार में खाते हैं उसमें सुपारी जरूर मौजूद होती है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिसर्च में बताया गया है किसुपारी में मौजूद एरेकोलाइन (Arecoline) इंसुलिन सेंसिटिविटी को कम करता है. इससे शरीर में शुगर का स्तर बढ़ सकता है. इससे टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है.
इसके अतिरिक्त, तंबाकू वाला पान खाने वाले लोगों के लिए शुगर लेवल को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है. तंबाकू ना केवल ह्रदय और लंग्स के लिए अनहेल्द होता है, बल्कि यह शुगर मेटाबॉलिज्म को भी इफेक्ट कर सकता है. वहीं, मार्केट में मिलने वाले पान में मिठास के लिए चेरी या गुलकंद मिलाया जाता है. जो डायबिटीज रोगी इस तरह के पान का सेवन करते है, वे आज से ही बंद कर दें. क्योंकि, इस तरह के पान के सेवन से ब्लड शुगर तेजी से बढ़ सकता है.
वहीं, पान में इस्तेमाल किए जाने वाले कत्था और चूना का कोई सीधा इफेक्ट ब्लड शुगर के स्तर पर नहीं होता है, लेकिन इसका रेगुलर सेवन मौखिकहेल्थ के लिए हानिकारक होता है. इसके अतिरिक्त, चूने की ज्यादा मात्रा से अल्सर या दांतों की परेशानी हो सकती हैं, जो डायबिटीज मरीजों में स्लो रिकवरी का कारण बन सकती हैं. डॉ मनीषा काले के मुताबिक, अगर कोई शुगर मरीज पान खाना चाहता है, तो उसे बिना सुपारी, तंबाकू और मीठे पदार्थों के पान का चयन करना चाहिए.
इसके अलावा, पान के पत्ते बालों के लिए भी कई तरह के फायदेमंद होते हैं, साथ ही ये आपके बालों की ग्रोथ को बढ़ाने और उन्हें घना बनाने में मदद करते हैं.
ओरल हेल्थ -पान के पत्ते चबाने से सांसों की दुर्गंध और मुंह की दुर्गंध दूर होती है, साथ ही दांत दर्द, मसूड़ों में दर्द, सूजन और मौखिक संक्रमण से भी राहत मिलती है.