हैदराबाद: आज के दौर में मेंटल हेल्थ को लेकर लोगों में काफी ज्यादा जागरूकता देखी जा रही है. इसका एक कारण यह भी है कि लोगों में इस बात को लेकर स्वीकृति बढ़ी है की खराब मानसिक स्वास्थ्य लोगों के शारीरिक स्वास्थ्य, सोच व आम जीवन को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप बहुत ज्यादा प्रभावित कर सकता है. जानकारों की माने तो सिर्फ Mental Health ही नहीं बल्कि Physical Health को भी बेहतर रखने में मेडिटेशन का नियमित अभ्यास काफी लाभकारी हो सकता है. इस तथ्य की पुष्टि देश विदेश में हुए कई शोधों में भी हो चुकी हैं.
वहीं मेडिटेशन के फ़ायदों को लेकर लोगों में बढ़ी जागरूकता के चलते इसे अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. आजकल लोगों में कई देसी-विदेशी तथा पारंपरिक व आधुनिक तरह की मेडिटेशन प्रक्रियाएं प्रचलित हो रही हैं. जिनमें से जेन मेडिटेशन, या जिसे ज़जेन ध्यान के नाम से भी जाना जाता है, भी एक है.
जेन मेडिटेशन के लाभ
साउथ दिल्ली स्थित 'ईश ध्यान केंद्र' में ज़जेन मेडिटेशन के प्रशिक्षक एरिक लोबो बताते हैं कि जेन मेडिटेशन एक प्राचीन बौद्ध ध्यान प्रक्रिया है. जिसमें खुली आंखों के साथ ध्यान लगाया जाता है. वह बताते हैं कि जेन ध्यान मुख्य रूप से आराम से बैठकर सांसों का अनुसरण करने वाला ध्यान है. जो मानसिक शांति, आत्म-जागरूकता और मानसिक संतुलन को बढ़ाता है. वह बताते हैं जेन ध्यान काफी हद तक माइंडफूल मेडिटेशन जैसा ही होता हैं क्योंकि इसमें भी ज्यादातर गिनती के साथ श्वास लेने व छोड़ने का अभ्यास किया जाता है. वहीं चूंकि इसे ज्यादातर खुली आंखों के साथ किया जाता है इसलिए इसके नियमित अभ्यास से एकाग्रता, आत्म संतुलन तथा विचारों पर नियंत्रण की क्षमता बेहतर होती है. इनके अलावा भी इसके नियमित अभ्यास से सम्पूर्ण स्वास्थ्य को कई तरह के लाभ मिलते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- मन शांत होता है जिससे मानसिक स्पष्टता और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ती है.
- ध्यान और एकाग्रता में सुधार होता है.
- तनाव और चिंता में कमी आती है.
- सकारात्मक मानसिकता बढ़ती है.
- भावनाओं को संतुलित करने तथा उन्हे व प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करने की क्षमता बढ़ती है.
- नियमित रूप से ध्यान करने से रक्त संचार बेहतर होता है जिससे रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है.
- शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है.
- नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है.
- मूड अच्छा रहता है तथा मन में हल्कापन व खुशी महसूस होती है.
- शरीर की ऊर्जा व कार्यक्षमता भी बढ़ती हैं.
जेन मेडिटेशन कैसे करें
- सबसे पहले एक शांत और साफ़ स्थान चुनें. जहां ध्यान के दौरान कोई बाधा ना आए.
- वैसे तो जेन मेडिटेशन के लिए बुद्ध मुद्रा / पद्मासन/ पूर्ण कमल मुद्रा को आदर्श माना जाता है, लेकिन इसे करने के लिए अर्ध कमल मुद्रा या सेइजा (पंजों के बल) मुद्रा में भी बैठा जा सकता है. इसके अलावा जो लोग इन अवस्थाओं में नहीं बैठ पाते हैं वे कुर्सी पर बैठ कर भी मेडिटेशन कर सकते हैं. बस ध्यान रहे की ध्यान अवस्था चाहे कोई भी हो लेकिन सभी में रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी हो.
- सभी अवस्थाओं में हथेलियां गोद में ऊपर की दिशा में एक के ऊपर एक अवस्था में तथा अंगूठे नाभि के ठीक नीचे आपस में जुड़े हुए रखे होने चाहिए.
- ध्यान शुरू करने के लिए आंखो को हल्का झुकाकर लेकिन खुला रखते हुए नाक से सांस लेना शुरू करें .
- अपनी सांसों पर पूरा ध्यान केंद्रित करें और सांस अंदर लेने व बाहर छोड़ने की प्रक्रिया को महसूस करें.
- सांस लेने का एक पैटर्न बनाएं और हर सांस को गिनें, सांस अंदर लेते समय एक और सांस बाहर छोड़ते समय दो से शुरू करें. दस तक गिनती पहुंचने के बाद फिर से एक से गिनती शुरू करें.
- ध्यान के दौरान आने वाले विचारों को आने दे. लेकिन उन विचारों पर ज्यादा ध्यान देने की बजाय पूरा ध्यान सांसों को लेने व छोड़ने की गति पर केंद्रित रखने की कोशिश करें.
शुरुआत में 5-10 मिनट के लिए ध्यान करें और धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 20-30 मिनट तक करें. Buddhist Meditation , Zen Meditation . Buddhist Meditation Zen.