नई दिल्ली : अक्सर आपने लोगों को यह कहते हुए जरूर सुना होगा कि वह पूरे दिन थका-थका सा महसूस करते हैं. किसी काम में मन नहीं लगता, बदन पूरे दिन टूटा सा रहता है. अगर आप भी इन सभी दिक्कतों से जूझ रहे हैं तो आज ही अपने हीमोग्लोबिन की जांच करा लें. पोषण संबंधी उपायों पर काम करते हुए भारत में हर साल 1 सितंबर से लेकर 7 सितंबर तक ‘राष्ट्रीय पोषण सप्ताह’ मनाया जाता है. आईएएनएस भी इसी कड़ी में लोगों का जागरूक करने का काम कर रहा है.
सबसे पहले तो आपको बता दें कि खून में जब रेड ब्लड सेल्स (RBC) या हीमोग्लोबिन की कमी होती है तो उस स्थिति को एनीमिया कहते हैं. एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में ब्लड सेल्स लेवल सामान्य से नीचे आ जाता है. अक्सर Anemia की समस्या महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि महिलाएं हर माह मासिक धर्म के चक्र से गुजरती हैं, जिससे उनमें अक्सर खून की कमी की समस्या रहती है. Hemoglobin की कमी की वजह से त्वचा पीली होने लगती है.
बता दें कि पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में Hemoglobin कम रहता है. पुरुषों में सामान्यत: 13.5-17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर का स्तर हीमोग्लोबिन का सामन्य स्तर माना जाता है. वहीं महिलाओं में 12.0 - 15.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर की मात्रा नार्मल मानी जाती है. हीमोग्लोबिन शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद एक तरह का प्रोटीन है, जो शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती है.इस बारे में ज्यादा जानकारी लेने के लिए आईएएनएस ने सर गंगाराम अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर मोहसिन वली से बात की.
उन्होंने बताया, ''आज अनेकों भारतीय महिलाएं आयरन की कमी से जूझ रही हैं, जिसे एनीमिया कहा जाता है. यह स्थिति तब होती है, जब भोजन में भरपूर मात्रा में आयरन नहीं मिल पाता. ग्रामीण इलाकों में आम तौर महिलाएं मां बनने के बाद इस समस्या से गुजरती हैं, वह घर के काम के साथ अपनी सेहत के तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पाती जिससे उनके शरीर में कई तरह के विटामिन और मिनरल्स की कमी हो जाती है. ऐसे में वह आयरन की कमी का शिकार हो जाती है.''