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'ए माधव तुम पुलिस केस गवाही देगा ना', पंचायत वेब सीरीज के 'माधव' को आप कितना जानते हैं, बिहार के हैं बुल्लू कुमार - Bullu Kumar

Panchayat web series : पंचायत वेब सीरीज से ज्यादातर लोग वाकिफ हैं. इसमें एक कैरेक्टर है 'माधव'. जो मुख्य रूप से बिहार के रहने वाले हैं. आइये आपको उनसे रू-ब-रू करवाते हैं.

बुल्लू कुमार
बुल्लू कुमार (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 30, 2024, 9:49 PM IST

पटना: इन दिनों पंचायत सीरीज का तीसरा सीजन लोग मजे लेकर देख रहे हैं. लेकिन, क्या आपको याद है पंचायत सीजन 2 में एक किसान की बकरी चोरी हो जाती है. वह किसान सीसीटीवी कैमरा में देखने के लिए पंचायत ऑफिस पहुंचता है. जहां पंचायत के दूसरे कैरेक्टर भूषण तमाशा करते हैं और भूषण उस बकरी वाले कैरेक्टर यानी कि माधव से कहते हैं 'कि ए माधव तुम पुलिस केस गवाही देगा ना, कि ये लोग क्या कर रहा मेरे साथ'. तो, माधव कहता है कि भूषण भाई आप कर तो रहे हैं... उसके बाद माधव का कैरेक्टर हर जुबान पर चढ़ गया.

पटना के हैं बुल्लू कुमार :माधव के उस कैरेक्टर को लेकर कई रिल्स बनाए जाने लगे. अब वह माधव पंचायत के तीसरे सीजन में भी महत्वपूर्ण कैरेक्टर में है. भले पंचायत सीजन 2 में माधव का करैक्टर छोटा था लेकिन, पंचायत सीजन 3 में माधव का करैक्टर उभर कर सामने आया है. यह माधव और कोई नहीं है, यह बिहार पटना के रंगमंच से निकले हुए एक रंगकर्मी हैं. इनका पूरा नाम है बुल्लू कुमार. बुल्लू कुमार पटना के रंग मंच के मंजे हुए रंगकर्मी है. इन्होंने पटना के कालिदास रंगालय से लेकर प्रेमचंद रंगशाला तक कई नाटक किए हैं. ईटीवी भारत आज आपको पंचायत के माधव यानी की बुल्लू कुमार से रु-ब-रु कराएगा.

रंगमंच पर बुल्लू कुमार (ETV Bharat)

नाटक ही करना है :दरअसल बुल्लू कुमार रंगमंच से पहले नवादा में रहते थे. हिसुआ के गोंदर बीघा गांव रहने वाले हैं. पहले तो बुल्लू कुमार अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद पटना में नौकरी-चाकरी के लिए आए थे. लेकिन एक दिन गलती से वह पटना के गांधी मैदान के कालिदास रंगालय में नाटक देखने पहुंच गए. इस नाटक में ऐसे उलझे कि बस इन्होंने सोच लिया कि इन्हें करना है तो नाटक ही करना है. रंगकर्मी ही बनाना है.

'मेरे पास खोने को कुछ नहीं था' :ईटीवी भारत ने जब उनसे यह सवाल पूछा कि आखिर ऐसा क्या हुआ था कि आपके मन में यह आया कि आपको रंग गर्मी ही बनाना है? इसपर बुल्लू कुमार कहते हैं कि मेरे पास खोने को कुछ नहीं था. उस समय मैं एक नेटवर्किंग कंपनी में काम करता था. जिसमें एक कहानी सुनाई गई थी कि एक बंदर और बंदरिया नदी के किनारे पेड़ पर बैठे थे. आकाशवाणी हुई कि जो इसमें डुबकी लगाएगा वह राजकुमार बन जाएगा या राजकुमारी बन जाएगी. बंदरिया ने डुबकी लगा ली, बंदर सोचने लगा कि अभी नहीं. इतने में बंदरिया राजकुमारी बन गई. बन्दरिया को राजकुमारी बना देखकर जब बंदर डुबकी लगाया तो वह बंदर ही रह गया, क्योंकि समय खत्म हो चुका था. ऐसे में यह बात मेरे दिमाग में फिट हो गई कि मेरे पास खोने को कुछ नहीं है. जो पाना है, यहीं से पाना है. फिर रंग मंच पर लगातार मेहनत करते रहे.

बुल्लू कुमार (ETV Bharat)

सिनेमा के लिए पटना से मुंबई गया :बुल्लू कुमार बताते हैं कि कई बार ऐसा मौका आया जब लगा कि सब कुछ खत्म हो चुका है. कई बार अकेले में जोर-जोर से रोए. लेकिन, दिलासा देते हुए, हिम्मत करते हुए आगे बढ़ते रहे. लगातार 5 साल रंगमंच करते हुए 2015 में मैंने सोच लिया कि अब रंगमंच नहीं करेंगे, अब सिनेमा करेंगे और इसी संकल्प के साथ मैं पटना से मुंबई पहुंच गया. छोटे-मोटे सीरियल मिले, मेरी एक फिल्म आई गुटूर गू, बहुत पहचान नहीं बन पाई, उधर, पटना भी आना-जाना लगा रहा था. मैं पूरी तरह से रंगमंच नहीं छोड़ पाया था. सोलो रंगमंच करता था. रसप्रिया मेरा एक बहुत ही महत्वपूर्ण नाटक है जो मैं करता रहा हूं.

पटना बाढ़ में जोगीरा गाया था :एक बार जब पटना में बहुत बारिश हुई थी और पटना डूबने लगा था तो मैंने ट्रैक्टर पर घूम कर गीत गाया था. अपना पटना इतना सुंदर होगा. हर घर घर पानी होगा बोलो.. जोगीरा सा रा रा.. यह यूट्यूब और फेसबुक पर बहुत ही वायरल हुआ था. इसमें मेरे साथी भी काफी एक्टिव थे.

रंगमंच पर बुल्लू कुमार (ETV Bharat)

'मुझे पर्दे पर देख पापा इमोशनल हो गए' :बुल्लू कुमार अपने जीवन के बारे में बताते हैं कि उनकी शादी बहुत पहले ही गांव में ही हो गई थी. मुंबई में वह अकेले रहते हैं. उनके बच्चों के साथ उनकी पत्नी गांव में ही रहती है. पहले जब मैं रंगमंच पर आया था तो पिताजी का विरोध जरूर था. लेकिन, जब मेरी पहली फिल्म गुटर गू पटना के रीजेंट सिनेमा में लगी और उन्होंने मुझे पर्दे पर देखा तो वह इमोशनल हो गए. मैं भी काफी इमोशनल हो गया था.

''पापा ने कभी मना नहीं किया कि मैं क्या कर रहा हूं? धीरे-धीरे अभी भी संघर्ष जारी है. देखिए, मुंबई में स्पेस मिलना बहुत मुश्किल है. किसी भी प्रोजेक्ट में आपको कितना स्पेस मिल रहा है यह अहम है. छोटा स्पेस होता है लेकिन दमदार होता है तो, एक्टिंग की दुकान चल जाती है. वेब सीरीज पंचायत में छोटा ही रोल था लेकिन, दमदार था. उसके बाद मुझे नोटिस किया जाने लगा था.''- बुल्लू कुमार, अभिनेता

बुल्लू कुमार (ETV Bharat)

'पंचायत 2 से पहचान मिली' :बुल्लू कुमार बताते हैं कि मुझे सही पहचान तब मिली जब मैं पंचायत सीजन 2 में माधव का किरदार निभाया. यह किरदार बहुत छोटा था लेकिन, उसके डायलॉग बहुत हिट हुए. उसपर कई मिम्स और रिल्स बनाए गए. उसके बाद मेरी एक्टिंग की दुकान चल निकली. अभी मैं कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा हूं. ग्रहण वेब सीरीज कर चुका हूं. रनवे लुगाई कर चुका हूं. वृंदावन फिल्म आ रही है. सरपंच साहब वेब सीरीज आ रही है. जाइए कहां जाइयेगा एक फीचर फिल्म आ रही है.

पंचायत 4 पर काम हो रहा है :बुल्लू कुमार से जब यह पूछा गया कि क्या वेब सीरीज पंचायत सीजन 4 भी आएगा, तो उन्होंने कहा हां बिल्कुल. अभी कहानी पूरी नहीं हुई है. सीजन 4 के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग चल रही है. उम्मीद है कि इस साल में इसकी शूटिंग भी पूरी हो जाएगी. आने वाले समय में लोगों के सामने पंचायत सीजन 4 भी देखने को मिलेगा. ये और मजेदार होने वाला है.

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