मुंबई: इंडियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (आईएफएफआई) के आगामी एडिशन में 15 फिल्में प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक खिताब के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी. इस प्रतियोगिता में 12 इंटरनेशनल और 3 इंडियन फिल्में शामिल हैं. ग्लोबल और इंडियन सिनेमा का सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुत करते हुए, इनमें से प्रत्येक फिल्म मानवीय मूल्यों, संस्कृति और कहानी कहने की कला पर एक अनूठा दृष्टिकोण को दर्शाती है.
इन फिल्मों में ईरान की 'फियर एंड ट्रेम्बलिंग', तुर्की की 'गुलिजर', फ्रांस की 'होली काऊ', स्पेन की 'आई एम नेवेंका', यूएसए की 'पैनोप्टिकॉन', सिंगापुर की 'पियर्स', ट्यूनीशिया की 'रेड पाथ', कनाडा और फ्रांस की संयुक्त प्रोडक्शन 'शेफर्ड्स', रोमानिया की 'द न्यू ईयर दैट नेवर केम', लिथुआनिया की 'टॉक्सिक', चेक गणराज्य की 'वेव्स', ट्यूनीशिया और कनाडा की संयुक्त प्रोडक्शन 'हू डू आई बिलॉन्ग टू', भारत की 'द गोट लाइफ', भारत की 'आर्टिकल 370' और भारत की 'रावसाहेब' शामिल हैं.
इस साल के गोल्डन पीकॉक जूरी का नेतृत्व भारतीय फिल्म निर्माता आशुतोष गोवारिकर करेंगे. उनके साथ सिंगापुर के निर्देशक एंथनी चेन, स्पेनिश निर्माता फ्रान बोर्गिया, ब्रिटिश-अमेरिकी निर्माता एलिजाबेथ कार्लसन और प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई फिल्म एडिटर जिल बिलकॉक भी शामिल हैं.
जूरी बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट एक्टर (मेल), बेस्ट एक्टर (फीमेल) और बेस्ट जूरी अवॉर्ड्स सहित कैटेगरी में विजेताओं का फैसला करेगी. विजेता फिल्म को फेस्टिवल के टॉप सम्मानों में से एक के साथ 40 लाख रुपये का पुरस्कार मिलेगा.