पटना: सिनेयात्रा और हाउस ऑफ वेराइटी द्वारा आयोजित पटना सिने फेस्टा फिल्म महोत्सव का समापन हुआ. इस दौरान मुख्य अतिथि के द्वारा छोटे-बड़े कलाकारों को मोमेंटो दे कर सम्मानित किया गया. पटना सिने फेस्टा फिल्म महोत्सव के समापन के मौका पर फिल्म अभनेता, निर्माता सह डायलॉग कोच विकास कुमार ने कहा कि पटना सिने फेस्टा में बहुत अच्छी फिल्में देखने को मिली. मास्टर क्लास में लोगों से बातचीत करने का भी मौका मिला. वो आगे भी इस तरह के कार्यक्रम में शामिल होना चाहेंगे, उन्हें पटना में बहुत मजा आया.
5 दिनों के दौरान सीखने को मिला बहुत कुछ: अभिनेता विकास कुमार ने कहा कि विश्वास था कि सभी काफी अच्छा होगा. 5 दिन पहले आगाज अच्छा था, अंजाम और भी अच्छा देखने को मिला. उन्होंने कुछ फेस्टिवल अलग-अलग राज्यों में देखा था लेकिन उन्हे पता नहीं था कि यहां कैसा होगा लेकिन देखकर इतनी खुशी मिल रही है. 5 दिनों के दौरान उन्होंने जो देखा, जो अनुभव लोगों को शेयर किया, लोगों ने बारीकी से उसको सीखा. उन्हें पूरी उम्मीद है कि जब एक साल बाद यब फिर होगा तो और इसे दुरुस्त तरीके से किया जाएग.
"बहुत लंबा समय हो गया है, यहां जल्द फिल्म सिटी का निर्माण होना चाहिए. यहां के कलाकार टेक्नीशियन दूसरे प्रदेश में काम कर रहे हैं. बिहार की कहानी यूपी में सूट होती है. यहां पर भी वह फिल्म शूट हो सकती है लेकिन उसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होगा. सरकार को इस पर जल्दी से फैसला लेना चाहिए."-विकास कुमार, फिल्म अभिनेता
रामोजी फिल्म सिटी है मिसाल: प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि मैंने हैदराबाद रामोजी फिल्म सिटी में घुमा है. रामोजी ने कैसे मन में कल्पना की और उस कल्पना ने जंगल को फिल्म सिटी में बदल दिया, यह उनका सराहनीय कदम लोगों के लिए मिसाल है. उनके किए गए कार्य से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. एक शख्स की सोच देश के सबसे बड़े फिल्म सिटी का निर्माण कर लोगों के लिए मिसाल बन गई.