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झारखंड फार्मासिस्ट काउंसिल में रजिस्ट्रार नहीं, डी फार्मा और बी फार्मा की परीक्षा बाधित, फार्मासिस्टों का रजिस्ट्रेशन भी रूका - Jharkhand Pharmacist Council

No registrar in pharmacist council Jharkhand. झारखंड फार्मासिस्ट काउंसिल में सभी जरूरी काम ठप पड़े हैं. न तो छात्रों की परीक्षा आयोजित की जा रही है और न ही रजिस्ट्रेशन और रिन्युअल का काम हो रहा है. इस कारण फार्मासिस्टों की समस्या बढ़ गई है.

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 28, 2024, 8:38 PM IST

Jharkhand Pharmacist Council
राजकीय फार्मेसी संस्थान रांची. (फोटो-ईटीवी भारत)

रांची: झारखंड के फार्मासिस्टों की समस्या बढ़ती जा रही है. इसकी वजह है कि पिछले 21 दिनों से फार्मासिस्ट काउंसिल ऑफ झारखंड में रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक के सचिव का पद खाली पड़ा हुआ है. दरअसल, रजिस्ट्रार कौशलेंद्र प्रसाद की अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु होने के कारण पिछले कई दिनों से रजिस्ट्रार का पद खाली पड़ा हुआ है.

झारखंड फार्मासिस्ट काउंसिल में कार्य ठप होने के संबंध में जानकारी देते पदाधिकारी और फार्मासिस्ट. (वीडियो-ईटीवी भारत)

रजिस्ट्रार के नहीं रहने से ठप हैं जरूरी कार्य

रजिस्ट्रार के खाली पद को लेकर बरियातू स्थित राजकीय फार्मेसी संस्थान के पदाधिकारी हरिहर नाथ महतो बताते हैं कि रजिस्ट्रार के नहीं रहने की वजह से फार्मेसी की परीक्षा बाधित हो रही है. क्योंकि फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार ही परीक्षा नियंत्रक के सचिव थे. उन्होंने बताया कि राज्य भर के फार्मेसी संस्थानों में डिप्लोमा इन फार्मेसी और बी फार्मा की पढ़ाई कर रहे कई छात्रों की परीक्षा बाधित हो गई.

डी फार्मा और बी फार्मा की परीक्षा बाधित

इसका कारण है कि एग्जामिनेशन कंट्रोल बोर्ड के सचिव और रजिस्ट्रार की सहमति से ही परीक्षा में उपयोग होने वाले संसाधनों की खरीद की जा सकती है. जैसे परीक्षा में उपयोग होने वाले क्वेश्चन पेपर, आंसर शीट, कलम, प्लेन पेपर आदि के लिए जो खर्च होते हैं वह खर्च सरकारी फंड से तभी निर्गत हो सकता है जब रजिस्ट्रार की सहमति होगी. इसके अलावा फार्मासिस्टों का रिन्युअल और निबंधन का भी काम भी रजिस्ट्रार के नहीं रहने से रुक गया है. हजारों की संख्या में फार्मासिस्ट ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं, लेकिन उनका आवेदन अप्रूव नहीं हो पा रहा है.

रजिस्ट्रेशन का भी काम रूका

इस संबंध में अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन झारखंड के सचिव अमित कुमार बताते हैं कि फार्मासिस्टों का रजिस्ट्रेशन प्रत्येक वर्ष होता है. उन्होंने बताया कि फार्मासिस्ट काउंसिल एक्ट के अनुसार प्रत्येक फार्मासिस्ट को अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है, ताकि वह नियमपूर्वक दवाई की दुकान चला सकें या फिर किसी स्वास्थ्य संस्था में काम कर सकें.

प्रति वर्ष होने वाले रजिस्ट्रेशन के माध्यम से फार्मासिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया अपने फार्मासिस्टों की गिनती भी रखती है, लेकिन रजिस्ट्रार के नहीं होने से फार्मासिस्ट की पढ़ाई कर रहे छात्रों की परीक्षा और जो फार्मासिस्ट की डिग्री ले चुके हैं वह अपनी नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे हैं.

मई में होनी थी परीक्षा

बता दें कि झारखंड के विभिन्न फार्मेसी कॉलेज में पढ़ रहे करीब छह हजार छात्रों की परीक्षा अधर में लटकी है. इन सभी छात्रों की परीक्षा मई महीने में ही होनी थी, लेकिन रजिस्ट्रार कौशलेंद्र कुमार के अचानक निधन और नए रजिस्ट्रार की नियुक्ति अब तक नहीं होने की वजह से परीक्षा की तिथि तय नहीं हो पा रही है.

स्वास्थ्य विभाग से नए रजिस्ट्रार की शीघ्र नियुक्ति की मांग

वहीं इस संबंध में झारखंड फार्मासिस्ट काउंसिल के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने बताया कि नए रजिस्ट्रार की नियुक्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर दिया गया है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि जल्द ही नए रजिस्ट्रार की नियुक्ति कर दी जाएगी. वही राज्य भर में काम कर रहे हैं फार्मासिस्टों ने स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगाते हुए कहा कि फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे छात्रों और डिग्री ले चुके फार्मासिस्टों की समस्या को देखते हुए तत्काल प्रभाव से अतिरिक्त प्रभार में किसी को रजिस्ट्रार बनाया जाए, ताकि फार्मासिस्ट काउंसिल ऑफ झारखंड का काम सुचारू रूप से चलता रहे.

स्वास्थ्य विभाग से है छात्रों को आस

अब देखने वाली बात होगी फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे छात्रों का जल्द से जल्द परीक्षा आयोजित कराने के लिए और पेंडिंग में पड़े फार्मासिस्टों की रजिस्ट्रेशन को रिन्युअल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से क्या कुछ ठोस कदम उठाए जाते हैं.

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