देहरादून:हायर टेक्निकल एजुकेशन में पिछले कुछ सालों में देखने को मिला है कि छात्रों का मैकेनिकल और सिविल इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचों में रुझान कम हुआ है. हालांकि एआई जैसे नए कोर्स स्टूडेंट्स की पसंद बने हैं. इस बढ़ते असंतुलन को लेकर ईटीवी भारत ने उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर ओंकार सिंह से खास बातचीत की.
शुरुआती दौर में जहां छात्रों की पहली पसंद मैकेनिकल और सिविल इंजीनियरिंग हुआ करती थी, तो वहीं अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेंट ऑफ थिंग्स, मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी और कंप्यूटर साइंस छात्रों की पहली पसंद बने हुए हैं. मैकेनिकल और सिविल इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचों की डिमांड में काफी गिरावट आ रही है. इस बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर ओंकार सिंह ने कहा कि एक राजकीय संस्थान होने की वजह से उनकी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वो आधुनिक इंजीनियरिंग के साथ-साथ कोर इंजीनियरिंग सेक्टर पर भी पूरा फोकस करें. ताकि भविष्य में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक बड़ा असंतुलन न देखने को मिले.
शिक्षा के क्षेत्र में लंबा अनुभव रखने वाले प्रोफेसर ओंकार सिंह ने कहा कि यह अक्सर देखा जाता है कि शिक्षा के व्यवसायीकरण की वजह से छात्रों और प्राइवेट कॉलेज ने एक विशेष सेक्टर में रैट रेस की जाती है, लेकिन यह भविष्य के लिए बिल्कुल भी उपयोगी नहीं है. बल्कि इससे आने वाले समय में कई तरह के दुष्परिणाम देखे जा सकते हैं.