हैदराबादः भारत सदा से ज्ञान की भूमि रही है. यहां न सिर्फ नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय जैसे विश्व स्तरीय शैक्षणिक संस्थान थे. बल्कि सर्वकालिक महान शिक्षक भी थे. आज भी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में भी जिनकी पहचान भारत ही नहीं देश के बाहर भी है. इनकी संख्या अनगिनत है. कुछ प्रमुख शिक्षक निम्नलिखित हैं.
गौतम बुद्ध (480 ईसा पूर्व)
गौतम बुद्धः
भारतीय इतिहास के पहले शिक्षक थे जिन्हें हम आज भी जानते हैं. शुरुआत में एक राजकुमार, गौतम बुद्ध ने आत्मज्ञान की खोज में अपने शाही आराम को त्याग दिया. उनकी शिक्षाओं में सही दृष्टिकोण, सही इरादा, सही भाषण, सही आजीविका, सही आचरण, सही ध्यान, सही प्रयास और सही ध्यान शामिल हैं. बाद में उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया, मानवता के लिए मार्गदर्शक के रूप में आठ गुना पथ की वकालत की.
चाणक्य (350-283 ईसा पूर्व):
कौटिल्य के रूप में भी जाने जाने वाले चाणक्य एक प्रतिष्ठित दार्शनिक, तक्षशिला के प्रोफेसर और शाही सलाहकार थे. वे भारत के महान शिक्षकों में से एक हैं। उनका मौलिक कार्य, "अर्थशास्त्र", राज्य कला, अर्थशास्त्र और सैन्य रणनीति पर गहराई से चर्चा करता है. उनकी पुस्तक चाणक्य नीति योजना और रणनीति के महत्व पर जोर देती है. यह हमें आगे के बारे में सोचना और अपने कार्यों के परिणामों पर विचार करना सिखाती है.
स्वामी दयानंद सरस्वती (1824 - 1883):
स्वामी दयानंद ने 7 अप्रैल, 1875 को मुंबई में आर्य समाज नामक हिंदू सुधार संगठन की स्थापना की, जिसने शिक्षा और धर्म के क्षेत्र में क्रांति ला दी. दयानंद सरस्वती की मुख्य शिक्षाओं में वेदों की प्रधानता, सामाजिक और धार्मिक सुधार, शैक्षिक परिवर्तन, राष्ट्रवाद को बढ़ावा देना और ब्रिटिश शासन से मुक्ति शामिल है.
स्वामी विवेकानंद (1863-1902)
श्री रामकृष्ण परमहंस के एक समर्पित शिष्य, स्वामी विवेकानंद एक आध्यात्मिक प्रकाशमान और दूरदर्शी थे. वे न केवल महान भारतीय सुधारकों में से एक थे, बल्कि वे अपनी अद्वितीय बुद्धि के लिए जाने जाते थे और भारत के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों में से एक थे. उन्होंने आत्म-जागरूकता, परोपकार और आध्यात्मिक एकता के महत्व को रेखांकित करते हुए पश्चिम को हिंदू दर्शन और वेदांत से परिचित कराया. शिकागो में 1893 के विश्व धर्म संसद में उनका ऐतिहासिक भाषण अंतर-धार्मिक संवादों के लिए आधारशिला बना हुआ है.
मुंशी प्रेमचंद (1880-1936):
उन्होंने लगभग 12 प्रसिद्ध उपन्यास और 250 से अधिक लघु कथाएं लिखीं. इस प्रकार उन्होंने उर्दू और हिंदी साहित्य को समृद्ध किया. उन्होंने अपने उपन्यासों और लघु कथाओं के माध्यम से भारतीय महिलाओं की दुर्दशा पर प्रकाश डाला और महिला शिक्षा, विधवा पुनर्विवाह आदि जैसे विभिन्न सामाजिक सुधार आंदोलनों का समर्थन किया.
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1888-1975)
भारत में शिक्षक दिवस उनके जन्मदिन पर मनाया जाता है. राधाकृष्णन को भारत के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों में गिना जाता है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के रूप में प्रतिष्ठित पदों को संभाला. उन्होंने पूर्वी और पश्चिमी दर्शन को मिलाया, अपनी सांस्कृतिक जड़ों को गहराई से समझते हुए विविध दृष्टिकोणों को अपनाने के महत्व पर प्रकाश डाला. शिक्षा में उनकी वकालत ने भारतीय विचारों और मूल्यों को बढ़ावा दिया.
रवींद्रनाथ टैगोर (1861-1941):
राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ के रचयिता का मानना था कि “शिक्षण का मुख्य उद्देश्य स्पष्टीकरण देना नहीं है, बल्कि मन के दरवाजे खटखटाना है”. उन्होंने शांतिनिकेतन में विश्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना की, जिसमें कला, प्रकृति और संस्कृति से जुड़ी समग्र शिक्षा का समर्थन किया गया। टैगोर की शिक्षाओं ने रचनात्मकता, व्यक्तित्व और प्रकृति-संरेखित शिक्षा पर जोर दिया.
सावित्रीबाई फुले (1831-1897)
सावित्रीबाई फुले को भारत की पहली महिला शिक्षिका के रूप में जाना जाता है. उन्होंने महिलाओं के लिए पहला स्कूल और आधुनिक मराठी कविता की शुरुआत की. ऐसे समय में जब महिलाओं की क्षमताओं को अक्सर दरकिनार कर दिया जाता था, सावित्रीबाई ने उन्हें ऊपर उठाने और शिक्षित करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया. अपने पति के साथ मिलकर उन्होंने अछूत लड़कियों के लिए एक स्कूल की स्थापना की.
मदन मोहन मालवीय (1861-1946):
मदन मोहन मालवीय भारतीय संस्कृति के पोषक थे और उन्होंने पारंपरिक भारतीय शिक्षाशास्त्र को समकालीन तकनीकों के साथ सहजता से मिश्रित किया. उन्होंने भारत के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की सह-स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की और लगभग दो दशकों तक इसके कुलाधिपति भी रहे.
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (1931-2015)
"भारत के मिसाइल मैन" के रूप में सम्मानित, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, एक प्रख्यात वैज्ञानिक व भारत के 11वें राष्ट्रपति भी रहे हैं. कई छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत, उन्होंने लाखों बच्चों को अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. उन्हें भारत के परमाणु और अंतरिक्ष इंजीनियरिंग क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए मिसाइल मैन के रूप में भी जाना जाता था.
कुछ प्रसिद्ध भारतीय यूट्यूब शिक्षक
आनंद कुमार