नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली नीट-यूजी (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक) को फिलहाल ऑनलाइन मोड में आयोजित न करने का फैसला किया गया है. सरकार ने स्पष्ट किया कि इस परीक्षा का आयोजन “पेन और पेपर मोड” में जारी रहेगा.
शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच इस मुद्दे पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद इस फैसले की घोषणा की गई कि नीट-यूजी को “पेन और पेपर मोड” में आयोजित किया जाए या फिर “ऑनलाइन मोड” में. राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “जैसा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने निर्णय लिया है, नीट-यूजी एक ही दिन और एक ही पाली में (ओएमआर आधारित) “पेन और पेपर मोड” में आयोजित की जाएगी.”
नीट किसी परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों की संख्या के लिहाज से देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा है. 2024 में रिकॉर्ड 24 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने यह परीक्षा दी थी. एनटीए मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए हर साल नीट का आयोजन करता है. एमबीएसएस पाठ्यक्रम के लिए कुल 1,08,000 सीटें उपलब्ध हैं, जिनमें से लगभग 56,000 सरकारी अस्पतालों और करीब 52,000 निजी कॉलेज में हैं. दंत चिकित्सा, आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए भी नीट के परिणामों का इस्तेमाल किया जाता है.