हैदराबाद:ग्रेजुएशन के बाद, विदेशों से MBA की डिग्री हासिल करना एक लोकप्रिय कैरियर विकल्प बन गया है. विदेश मंत्रालय (MEA) के 2022 के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में सबसे अधिक भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं. अमेरिका में 4.65 लाख से अधिक भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं, इसके बाद कनाडा में 1.83 लाख छात्र पढ़ रहे हैं, आस्ट्रेलिया में इनकी संख्या एक लाख से कुछ अधिक है, तथा यूनाइटेड किंगडम (यू.के.) में इनकी संख्या 55,000 से अधिक है. इससे पता चलता है कि ये तीनों देश उच्च शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों के लिए पसंदीदा हैं. तो चलिए... जानते हैं यहां की विश्वविद्यालयों और लगने वाली खर्च के बारे में.
संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
संयुक्त राज्य अमेरिका में दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ रैंक वाले विश्वविद्यालय हैं, जिनमें स्टैनफोर्ड, व्हार्टन, हार्वर्ड, एमआईटी, कोलंबिया, नॉर्थवेस्टर्न और यूसी बर्कले शामिल हैं. भारतीय छात्र MBA की डिग्री प्राप्त करने के लिए इन विश्वविद्यालयों का रुख करते हैं.
अमेरिका में MBA की पढ़ाई की लागत काफी अधिक हो सकती है. एक औसत MBA कार्यक्रम की लागत 1.09 करोड़ से 2.18 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है. उदाहरण के लिए, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एक वर्ष की ट्यूशन फीस लगभग $82,455 है, जबकि रहने के खर्च (₹19,000), आवास (₹20,880), चिकित्सा बीमा (₹7,620) और स्वास्थ्य शुल्क (₹783) सहित कुल लागत लगभग $130,746, यानि 1.13 करोड रुपये तक हो जाती है. दो साल के MBA के लिए, यह लागत दोगुनी हो सकती है. वहीं, अमेरिका में एफ-1 वीजा पर आने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को कक्षाएं चलने पर प्रति सप्ताह 20 घंटे तक और कक्षाएं न चलने पर प्रति सप्ताह 40 घंटे तक काम करने की अनुमति है.
कनाडा
कनाडा में भी भारतीय छात्रों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. कई भारतीय छात्र कनाडा में MBA करना पसंद करते हैं, क्योंकि यहां कुछ बेहतरीन विश्वविद्यालय हैं, जिनमें क्वींस विश्वविद्यालय, टोरंटो विश्वविद्यालय, वाटरलू विश्वविद्यालय, यॉर्क विश्वविद्यालय और मैकगिल विश्वविद्यालय शामिल हैं. कनाडा में MBA की लागत अमेरिका की तुलना में थोड़ी कम है