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विदेशी विश्वविद्यालयों की तरह इंडियन यूनिवर्सिटी में भी छात्रों को 2 बार मिलेगा एडमिशन - UGC chairman Jagadeesh Kumar

UGC chairman Jagadeesh Kumar: यूजीसी ने यूनिवर्सिटी में दाखिले की प्रक्रिया को लेकर बड़ा फैसला किया है. UGC के अध्यक्ष जगदीश कुमार के अनुसार भारतीय विश्वविद्यालय अब विदेशी यूनिवर्सिटीज की तरह साल में दो बार छात्रों को एडमिशन दे सकते हैं.

UGC chairman Jagadeesh Kumar
UGC के अध्यक्ष जगदीश कुमार (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 11, 2024, 1:54 PM IST

नई दिल्ली: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) के अध्यक्ष जगदीश कुमार के अनुसार भारतीय विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा संस्थान अब विदेशों यूनिवर्सिटीज की तरह साल में दो बार छात्रों को एडमिशन दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि 2024-25 अकेडमिक सेशन के लिए जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में एडमिशन दिया जा सकता है.

यूजीसी के अध्यक्ष कुमार ने मंगलवार को कहा कि अगर भारतीय विश्वविद्यालय साल में दो बार देंगे, तो इससे कई छात्रों को लाभ होगा. इससे उन छात्रों को फायदा होगा जो बोर्ड के परिणामों की घोषणा में देरी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं या व्यक्तिगत कारणों से जुलाई/अगस्त सत्र में विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने से चूक गए थे.

भारत में 12 महीने का अकादमिक सेशन
बता दें कि वर्तमान में यूजीसी रेगूलेशन उच्च शिक्षा संस्थानों को जुलाई/अगस्त में शुरू होने वाले एक साल में एक शैक्षणिक सत्र में छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति देते हैं. एक शैक्षणिक सत्र बारह महीने का होता है, जो जुलाई/अगस्त में शुरू होता है. इसलिए, भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान जुलाई-अगस्त में शुरू होने वाले और मई-जून में समाप्त होने वाले शैक्षणिक सत्र का पालन करते हैं.

यूजीसी ने 25 जुलाई 2023 को आयोजित अपने 571वें कमीशन में एक साल के अकादमिक सेशन के दौरान जनवरी और जुलाई में ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) और ऑनलाइन मोड के तहत साल में दो बार एडमिशन की अनुमति देने का निर्णय लिया था.

यूजीसी DEB पोर्टल पर उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जुलाई 2022 में कुल 19,73,056 छात्रों के अलावा जनवरी 2023 में ओडीएल और ऑनलाइन कार्यक्रमों में अतिरिक्त 4,28,854 छात्र शामिल हुए.

15 मई को लिया गया था फैसला
यूजीसी के अध्यक्ष ने कहा कि साल में दो बार एडमिशन देने से ओडीएल और ऑनलाइन प्रोग्राम में छात्रों की जबरदस्त प्रतिक्रिया और रुचि देखने को मिली. इसके चलते इस साल 15 मई को हुई अपनी बैठक में यूजीसी ने एक नीतिगत निर्णय लिया कि रेगूलर मोड में कार्यक्रम पेश करने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को आने वाले इंस्टीट्यूशन्स को साल से साल में दो बार छात्रों को एडमिशन देने की अनुमति दी जाए.

उन्होंने कहा कि जिन संस्थानों के पास आवश्यक बुनियादी ढांचा और टीचिंग फैक्लटी है, वे छात्रों को द्विवार्षिक रूप से एडमिशन दे सकते हैं. हालांकि, उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए द्विवार्षिक प्रवेश देना अनिवार्य नहीं है. यह वह लचीलापन है जो यूजीसी उन उच्च शिक्षा संस्थानों को प्रदान करता है जो अपने छात्रों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं और उभरते क्षेत्रों में नए कार्यक्रम पेश करना चाहते हैं.

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