नई दिल्ली : हिंडनबर्ग रिसर्च ने 10 अगस्त 2024 को अडाणी समूह की कंपनियों के भीतर कथित तौर पर अनियमितता बरतने का आरोप लगाया. इसके अनुसार अडाणी मामले में सेबी प्रमुख भी संलिप्त हैं. हिंडनबर्ग ने पिछले साल भी फरवरी महीने में अडाणी समूह पर गंभीर आरोप लगाए थे.
हालांकि, आपको यह जानकर हैरानी होगी जिस तरह से पिछली बार हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडाणी की कंपनियों के भाव में गिरावट देखी गई, इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ. जबकि रिपोर्ट से पहले आशंका जताई जा रही थी कि मार्केट में बड़ी गिरावट आ सकती है.
पिछले साल हिंडनबर्ग से अडाणी ग्रुप को भारी नुकसान
बता दें कि 24 जनवरी, 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह पर वित्तीय कदाचार और स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. इस रिपोर्ट के कारण अडाणी समूह की कंपनियों के स्टॉक की कीमतों में भारी गिरावट आई, जिनमें से कुछ में 83 फीसदी तक की गिरावट आई थी.
इस बार रिपोर्ट का असर शेयर बाजार पर नहीं दिखा
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के प्रकाशन के कारण भारी गिरावट की आशंका के उलट, बेंचमार्क स्टॉक सूचकांक लगभग शांत रहे और सीमित दायरे में रहे. ये कह सकते हैं कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट का असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को नहीं मिला.
शेयर बाजार पर असर नहीं दिखने का कारण
हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट अडाणी समूह को लेकर थी. समूह के लगभग सभी शेयरों में उस रिपोर्ट के आने से पहले के एक अरसे में बहुत अधिक तेजी दिखा चुकी थी. बाजार में पहले से ही इस समूह के शेयरों की कीमतों को लेकर अविश्वास बना हुआ था, क्योंकि ये कीमतें हद से ज्यादा ऊंचे मूल्यांकनों वाली थीं. साथ ही, अडाणी समूह पर भारी कर्ज को लेकर भी पहले से बाजार में चिंताएं बनी हुई थीं. ऐसे माहौल में हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने से अडाणी समूह के शेयर बुरी तरह गिरने लगे, क्योंकि इस रिपोर्ट ने अडाणी समूह को लेकर एक अनिश्चितता का माहौल बना दिया. बाद में जब अडाणी समूह ने हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में रखे गये आरोपों के जवाब दिएऔर कर्ज का बोझ कम करने के प्रयास शुरू किए, तो इस समूह के शेयरों में गिरावट थमी और फिर वे संभलने भी लगे. - निवेश मंथन के संपादक राजीव रंजन झा
बाजार ने यह भी समझा कि हिंडेनबर्ग ने अपनी यह रिपोर्ट जारी करने से पहले अडाणी समूह के शेयरों से संबंधित डेरिवेटिव इंस्ट्रुमेंट में शॉर्ट सेलिंग करके खुद मोटा मुनाफा कमाया. उसका मकसद इस रिपोर्ट से अडाणी समूह के शेयरों को गिरा कर खुद मुनाफा कमाना था. आगे चल कर सेबी की जांच में अडाणी समूह को लेकर ऐसी कोई नकारात्मक बात नहीं आयी और सर्वोच्च न्यायालय में भी इस मामले में समूह किसी परेशानी में नहीं दिखा, तो इस समूह के शेयरों में फिर से एक चमक बनी. - निवेश मंथन के संपादक राजीव रंजन झा
उन्होंने आगे बताया कि मगर इस बार हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने सीधे सेबी प्रमुख पर आरोप लगाये, जिन्हें बाजार ने बहुत भरोसेमंद नहीं माना. बाजार ने यह भी देखा कि अडाणी समूह पर जारी रिपोर्ट के मामले में सेबी ने खुद हिंडनबर्ग को तलब कर रखा है. और हिंडनबर्ग उसका जवाब देने के बदले खुद सेबी पर कीचड़ उछाल रहा है. इसलिए सेबी प्रमुख को लेकर हिंडनबर्ग ने जो कुछ कहा, उसका बाजार पर कोई असर नहीं हुआ. इसलिए सेबी प्रमुख को लेकर हिंडनबर्ग ने जो कुछ कहा, उसका बाजार पर कोई असर नहीं हुआ.