नई दिल्ली : वकील डेरियस खंबाटा और करीबी दोस्त व सहयोगी मेहली मिस्त्री को रतन टाटा की वसीयत के निष्पादक के रूप में नियुक्त किया गया है. साथ ही उनकी सौतेली बहनों शिरीन और डीनना जेजीभॉय को भी नियुक्त किया गया है. अगस्त में जारी हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2024 के अनुसार, रतन टाटा के पास टाटा संस में 0.83 फीसदी हिस्सेदारी थी और उनकी कुल संपत्ति 7,900 करोड़ रुपये है.
बता दें कि रतन टाटा, जिनका 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया. द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, उनकी सौतेली बहनों शिरीन और डीनना जीजीभॉय को भी उनकी अंतिम इच्छाओं को पूरा करने के लिए नियुक्त किया गया था
रतन टाटा ने हमेशा अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा समाज के लिए दान करने की इच्छा व्यक्त की थी. उनकी वसीयत की बारीकियां निजी रहेंगी. समूह की सूचीबद्ध संस्थाओं में टाटा संस की हिस्सेदारी का बाजार मूल्य लगभग 16.71 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है.
रतन टाटा के संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा - लगभग 75 फीसदी- टाटा संस में उनके शेयरों से जुड़ा था. इन होल्डिंग्स के अलावा, उन्होंने ओला, पेटीएम, फर्स्टक्राई, ब्लूस्टोन और अर्बन कंपनी सहित लगभग दो दर्जन कंपनियों में निवेश किया था. समय के साथ, टाटा ने इनमें से कुछ निवेशों से बाहर निकल गए. उनके पास मुंबई के कोलाबा में एक घर और अलीबाग में एक हॉलिडे होम था.
टाटा की मृत्यु के बाद उनके सौतेले भाई नोएल टाटा ने टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष का पद संभाला है.
आपको बता दें कि टाटा की वसीयत को बनाने में डेरियस खंबाटा की बड़ी भूमिका है. खंबाटा टाटा ट्रस्ट से जुड़े हैं. वह पहले भी इस ट्रस्ट से जुड़े थे, लेकिन किसी कारणवश उन्होंने 2016 में इस्तीफा दे दिया था.