नई दिल्ली:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट 2024 पेश किया. उन्होंने हेल्थ सेक्टर को भी प्राथमिकता दी. हेल्थ सेक्टर के लिए कुल 89287 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. इससे धन राशि से स्वास्थ्य के क्षेत्र में आधारभूत संरचना से लेकर उन्नत चिकित्सा उपकरणों की खरीद तक शामिल है. इस बजट में बजट में कैंसर पीड़ितों को बड़ी राहत दी गई.
कैंसर के इलाज के लिए तीन दवाओं को मूल सीमा शुल्क से छूट देने की घोषणा की गई. कहा जा रहा है कि इससे कैंसर की दवाएं सस्ती हो जाएगी. इससे कैंसर पीड़ितों को काफी राहत मिलेगी. वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य सेवा के लिए 89,287 करोड़ और फार्मा क्षेत्र के लिए 2,143 करोड़ रुपये पीएलआई योजना के तहत आवंटित की. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कैंसर की तीन और दवाओं को सीमा शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव दिया है. सरकार ने दवा उद्योग के लिए पीएलआई के लिए 2,143 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं.
सरकार ने देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के विकास, रखरखाव और सुधार के लिए 89,287 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. ये वित्त वर्ष 2024 में 88,956 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने कैंसर की तीन और दवाओं को सीमा शुल्क से छूट देने का भी प्रस्ताव रखा है.
फरवरी में पेश किए गए 2024-25 के अंतरिम केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं. बजट में 2024-25 के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को 90,171 करोड़ रुपये आवंटित किए गए जो 2023-24 के 79,221 करोड़ रुपये के आवंटन से अधिक है.
हेल्थ सेक्टर के लिए बजट प्रावधान (ETV Bharat) अंतरिम बजट में स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, मौजूदा अस्पताल के बुनियादी ढांचे का उपयोग करके अधिक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने और निवारक देखभाल पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया गया. 9-14 वर्ष की लड़कियों के लिए गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के टीकाकरण को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई पहल की घोषणा की गई.
अंतरिम बजट में मां और बच्चे की देखभाल के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के बीच तालमेल लाने के लिए एक व्यापक योजना का भी प्रस्ताव दिया गया. आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए आवंटन 2023-24 में 7,200 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2024-25 में 7,500 करोड़ रुपये कर दिया गया. प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के लिए आवंटन 2023-24 में 2,100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2024-25 में 4,108 करोड़ रुपये कर दिया गया.
हेल्थ सेक्टर में बजट से काफी उम्मीद थी. हेल्थ सेक्टर के जानकारों का कहना है कि भारत स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में आए दिन नए प्रयोग किए जा रहे हैं. इसके लिए संसाधनों की जरूरत है. बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिए विश्वस्तरी तकनीकी का प्रयोग जरूरी है. इसके लिए भी धन की आवश्यकता है. नीती आयोग के सदस्य डॉ वी. के. पॉल ने कहा है कि देश में डिजिटल स्वास्थ्य योजना पर जोर दिया जा रहा है. यह डिजिटल स्वास्थ्य सेवा और कॉर्पोरेट वेलनेस की दिशा में महत्वपूर्ण है.
प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा राज्यों द्वारा तीन-स्तरीय प्रणाली के माध्यम से प्रदान की जाती है. इसमें उप-केंद्र (एससी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शामिल हैं. 31 मार्च, 2022 तक पूरे भारत में 1,61,829 एससी, 31,053 पीएचसी और 6,064 सीएचसी थे. ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी 2021-22 के अनुसार एससी केंद्रों द्वारा कवर की गई आबादी में सुधार हुआ है.
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