नई दिल्ली: सरकार ने नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स वसूलने के लिए फास्टैग (Fastag) की व्यवस्था की है ताकि लोगों का समय बचे और सिस्टम में पारदर्शिता आए. इसमें भी गड़बड़ी की शिकायतें आ रही हैं. पिछले कुछ महीनों में कंपनियां द्वारा फास्टैग से गलत तरीके से शुल्क काटने के मामले बढ़े हैं. कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर भी संबंधित बैंकों को टैग करते हुए फास्टैग से अनधिकृत कटौती की शिकायत की है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी संख्या में ग्राहकों ने ज्यादा शुल्क काटे जाने की शिकायतें की हैं, जिसके बाद फास्टैग सेवा देने वाली कंपनियों को लाखों रुपये वापस करने पड़े. रिपोर्ट के मुताबिक, बहुत से ग्राहकों ने लिखित शिकायत के जरिये धनराशि वापस मांगी है और सितंबर से नवंबर 2024 के बीच चार लाख से अधिक मामलों में पैसे लौटाने पड़े हैं.
एनपीसीआई (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) फास्टैग से संबंधित लेनदेन की निगरानी करता है और ग्राहकों की शिकायतों की भी जांच करता है. रिपोर्ट के मुताबिक, फास्टैग सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों ने पिछले साल सितंबर में गलत टोल कटौती से जुड़ी 1.73 लाख शिकायतें स्वीकार की थीं. कंपनियों ने शुल्क कटौती में गड़बड़ी को मानते हुए शिकायतकर्ताओं को पैसे भी लौटाए.