मुंबई : आजकल आईपीओ को लेकर रिटेल इन्वेस्टर के बीच क्रेज है. नए-नए जितने भी आईपीओ बाजार में आते हैं, निवेशक उनके पीछे टूट पड़ते हैं. अभी हाल ही में मात्र 12 करोड़ के आईपीओ के लिए 4800 करोड़ तक की बोली लगा दी गई थी. हालांकि, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जिन्हें भी आईपीओ में शेयर अलॉट किए जाते हैं, उनमें से अधिकांश निवेशक एक सप्ताह के भीतर ही अपना शेयर बेच देते हैं. यह खुलासा खुद सेबी ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है.
मिंट में प्रकाशित एक खबर के अनुसार सेबी के मुताबिक अप्रैल 2021 से दिसंबर 2023 के बीच जिन्होंने भी आईपीओ के लिए आवेदन दिया, और जिन्हें आवंटन मिला, उनमें से आधे से अधिक निवेशकों ने लिस्टिंग के एक सप्ताह के भीतर अपने शेयर बेच दिए. लिस्टिंग के एक साल के भीतर 70 फीसदी निवेशकों ने उस शेयर को बेच दिया.
सेबी ने अपने अध्ययन में यह भी पाया कि इस तरह के निवेशकों में एक खास पैटर्न भी देखा गया है. उनके अनुसार जिन शेयरों के वैल्यू बाद में जाकर बढ़े, उनमें से इंडिविजुअल निवेशक निकल गए, जबकि लिस्टिंग के बाद जिन आईपीओ के वैल्यू गिर गए, उन्हें प्रायः बनाए रखते हैं. यानी नुकसान वाले शेयरों को रखना, जबकि प्रोफिट वाले को बेच देना.
सेबी ने जिन 144 मेन बोर्ड पब्लिक इश्यू में इंडिविजुअल निवेशकों की हरकतों का अध्ययन किया है, उनमें फ्लिपिंग एक कॉमन ट्रेंड देखा गया.