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RBI के रेपो रेट से आपके होम लोन पर क्या पड़ेगा असर, जानिए एक्सपर्ट की राय - RBI REPO RATE IMPACT ON HOME LOAN

आरबीआई ने रेपो रेट को 25 आधार अंकों से घटाकर 6.25% कर दिया है, जो लगभग पांच वर्षों में पहली दर कटौती है.

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प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 8, 2025, 10:23 AM IST

नई दिल्ली:भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की है, जिससे यह 6.5 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो गई है. यह पांच वर्षों में पहली बार दर में कटौती है, इस कदम से घर खरीदने वालों के लिए उधार लेने की लागत कम होने की उम्मीद है. RBI ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की जो आवास क्षेत्रों में आशावाद को बढ़ावा दिया है.

होम लोन पर प्रभाव
चूंकि रेपो रेट में कटौती से होम लोन पर व्यापक असर पड़ता है. इसलिए ETV भारत ने ANAROCK ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी से बात की. उन्होंने हमें बताया कि रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती के फैसले के साथ ही केंद्रीय बजट में हाल ही में पेश किए गए कर प्रोत्साहनों से यह विकास और भी बढ़ गया है. नतीजतन यह घर खरीदने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण लाभ का प्रतिनिधित्व करता है, खासकर जो किफायती आवास विकल्प की तलाश कर रहे हैं. कई पहली बार खरीदार जो पहले अनिच्छुक थे. अब संभावित रूप से आगे बढ़ सकते हैं, बशर्ते कि वित्तीय संस्थान उपभोक्ताओं को प्राथमिक लाभ दे.

अनुज पुरी के अनुसार होम लोन की ब्याज दरों में कमी उपभोक्ता भावना को समग्र रूप से बढ़ाने में योगदान दे सकती है. इस तथ्य के मद्देनजर कि पिछले एक साल में सात सबसे बड़े शहरों में आवास की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. यह राहत स्वागत योग्य और उपयुक्त दोनों है.

ANAROCK रिसर्च के अनुसार वर्ष 2024 में सात प्रमुख शहरों में औसत आवास की कीमतों में 13 फीसदी से 30 फीसदी तक की वृद्धि देखी गई, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 30 फीसदी की सबसे महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई. 2023 के अंत में सात प्रमुख शहरों में औसत कीमतें लगभग 7,080 रुपये प्रति वर्ग फुट थीं. 2024 के अंत तक यह आंकड़ा लगभग 8,590 रुपये प्रति वर्ग फुट तक बढ़ गया था, जो 21 फीसदी की वृद्धि को दिखाता है.

अनुज पुरी ने कहा कि फिर भी दरों में कमी की प्रभावशीलता संपत्ति की बढ़ती कीमतों से कम हो सकती है. खासकर अगर महंगाई अपने मौजूदा ऊंचे स्तर पर बनी रहती है. इसके अलावा यह निर्धारित किया जाना बाकी है कि वित्तीय संस्थान उधारकर्ताओं को पूरा लाभ तुरंत और कुशलता से ट्रांसफर करेंगे या नहीं.

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