नई दिल्ली:वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत में, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने 1 अप्रैल से प्रभावी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए आयु सीमा प्रतिबंध हटा दिया है. इससे पहले, 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को आम तौर पर एक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीद की अनुमति नहीं थी. IRDAI ने पहले से मौजूद चिकित्सा स्थितियों के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज शुरू करने के लिए वेटिंग पीरियड को 48 महीने से घटाकर 36 महीने कर दिया है.
भारत की बुजुर्ग आबादी
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की बुजुर्ग आबादी 2050 तक दोगुनी होकर 20.8 फीसदी हो जाने का अनुमान है, जबकि सदी के अंत तक यह संख्या 36 फीसदी तक पहुंच जाएगी. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (आईआईपीएस) के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की 'इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023' के अनुसार, 2050 तक भारत की आबादी का पांचवां हिस्सा 60 से ऊपर के लोगों का होगा. इस सदी में शून्य से 14 वर्ष के बीच के बच्चों की संख्या से अधिक बुजुर्ग होंगे.
IRDAI के कदम से पहले की स्थिति
हालांकि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए आयु पर कोई नियामक सीमा नहीं थी, अधिकांश कंपनियों की एक आंतरिक नीति थी जो उन्हें 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को स्वास्थ्य बीमा उत्पाद बेचने की अनुमति नहीं देती थी. उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि बीमा कंपनियों को 65 वर्ष से ऊपर के लोगों सहित सभी आयु समूहों को हेल्थ प्रोडक्ट बेचने के लिए इंश्योरेंस रेगुलेटर के नए कदम का उद्देश्य पैठ बढ़ाना है, हालांकि उच्च जोखिम धारणा के कारण मूल्य निर्धारण पर चुनौतियां होंगी.
बीमा कंपनी के लिए आयु सीमा हटाने के फायदे
IRDAI के नए आदेश से उन ग्राहकों के योग्य आधार में वृद्धि होगी जो इस समूह के शामिल होने के कारण स्वास्थ्य बीमा खरीद सकते हैं. कुछ बीमाकर्ता पहले ग्राहकों के लिए स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए अधिक आयु सीमा रखते थे. यह कदम 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में अधिक प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता लाएगा. कंपनियां अब वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेस्ट्रिक्टिव पेशकश के मौजूदा दृष्टिकोण के बजाय माता-पिता सहित पूरे परिवार के लिए व्यापक कवरेज को ध्यान में रखते हुए नए प्रोडक्ट बना सकती हैं या मौजूदा प्रोडक्ट को बढ़ा सकती हैं.