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लंबे इंतजार के बाद सरकार से Paytm को मिली राहत, कंपनी के शेयरों में उछाल - Paytm

Paytm- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की कार्रवाई के बाद पेटीएम की मुश्किल बढ़ती चली गई. लेकिन अब लंबे इंतजार के बाद पेटीएम को बड़ी राहत मिली है. पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज को वन97 कम्युनिकेशंस से कंपनी में 'डाउनस्ट्रीम निवेश' के लिए वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है. इस खबर के बाद आज पेटीएम के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है. पढ़ें पूरी खबर...

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पेटीएम (प्रतीकात्मक फोटो) (Getty Image)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 29, 2024, 9:40 AM IST

Updated : Aug 29, 2024, 11:16 AM IST

नई दिल्ली: पेटीएम ब्रांड की मालिक फिनटेक फर्म वन97 कम्युनिकेशंस को पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज में डाउनस्ट्रीम निवेश के लिए सरकार की मंजूरी मिल गई है. इस खबर के बाद आज पेटीएम के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है. कंपनी के शेयर 2.19 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 549.80 रुपये पर कारोबार कर रहे.

जनवरी में आरबीआई द्वारा पेटीएम को अपना भुगतान बैंक बंद करने का आदेश दिए जाने के बाद से यह जांच के दायरे में है.

इस स्वीकृति के साथ, पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज (पीपीएसएल) - वन 97 कम्युनिकेशंस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के लिए अगला कदम अपने पेमेंट एग्रीगेटर (पीए) आवेदन को फिर से जमा करना होगा.

वन 97 कम्युनिकेशंस ने कहा कि इस स्वीकृति के साथ, पीपीएसएल अपने पीए आवेदन को फिर से जमा करने के लिए आगे बढ़ेगा. इस बीच, पीपीएसएल मौजूदा भागीदारों को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेशन सर्विस देना जारी रखेगा.

कंपनी ने एक नियामक फाइलिंग में बताया कि यह पेमेंट एग्रीगेटर (पीए) लाइसेंस के लिए वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल या कंपनी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड (पीपीएसएल) के आवेदन के संबंध में 12 फरवरी, 2024 के हमारे लेटर के अतिरिक्त है.

पीए लाइसेंस आवेदन फिर से क्यों जमा करें?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नवंबर 2022 में पेटीएम के पीए लाइसेंस परमिट आवेदन को खारिज कर दिया था. और कंपनी को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मानदंडों के तहत प्रेस नोट 3 अनुपालन के साथ फिर से आवेदन करने का निर्देश दिया था. प्रेस नोट 3 के अनुसार, सरकार ने भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से निवेश के लिए अपनी पूर्व स्वीकृति अनिवार्य कर दी थी.

आवेदन खारिज होने के समय, चीन का अलीबाबा समूह कंपनी में सबसे बड़ा शेयरधारक था. आरबीआई के पीए दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि एक ही यबनिट भुगतान एग्रीगेटर सेवाओं के साथ-साथ ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस देना जारी नहीं रख सकती है और ऐसी भुगतान एग्रीगेटर सेवाओं को ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस व्यवसाय से अलग किया जाना चाहिए.

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Last Updated : Aug 29, 2024, 11:16 AM IST

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