नई दिल्ली:वैश्विक सर्वेक्षण में भाग लेने वाले आधे से अधिक कर्मचारियों ने कहा कि वे आर्थिक रूप से तनाव महसूस कर रहे हैं. परिणामस्वरूप, सर्वेक्षण किए गए सभी कर्मचारियों में से एक चौथाई से अधिक ने कहा कि वे अगले 12 महीनों में अपने नियोक्ता को बदलने की सोच रहे हैं. अगले 1 साल में नौकरी बदलने की सोच रहे कर्मचारियों की संख्या पिछले दो वर्षों के दौरान अपनी नौकरी बदलने की सोच रहे लोगों की संख्या से कहीं अधिक है.
PwC Global के अगले 12 महीनों में अपनी नौकरी बदलने की सोच रहे कर्मचारियों की संख्या 2022 के रेजिग्नेशन पीरियड के दौरान अपनी नौकरी बदलने की सोच रहे श्रमिकों की संख्या से अधिक है, जब कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर दुनिया भर में त्यागपत्रों की लहर थी. 2019 में शुरू हुई श्रृंखला में पांचवें सर्वेक्षण ने 50 देशों के 56,000 से अधिक श्रमिकों तक पहुंच बनाई.
होप्स एंड फियर्स सर्वे
इस साल के होप्स एंड फियर्स सर्वे से पता चला है कि 28 फीसदी कर्मचारियों ने कहा कि अगले एक साल में उनकी नौकरी बदलने की संभावना बहुत ज्यादा या बहुत ज्यादा है. 2023 में यह आंकड़ा 26 फीसदी और 2022 में 19 फीसदी था.
ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारी अगले एक साल में नौकरी बदलने की सोच रहे हैं. सबसे पहले, कार्यस्थलों में तेजी से हो रहे बदलावों और अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता के कारण कर्मचारी तनाव महसूस कर रहे हैं. दूसरा, बड़ी संख्या में कर्मचारी आर्थिक रूप से तनाव महसूस कर रहे हैं.
सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग दो-तिहाई कर्मचारियों ने कहा कि पिछले साल की तुलना में उन्हें काम पर ज्यादा बदलाव देखने को मिले हैं. जबकि पिछले 12 महीनों में ऐसा नहीं हुआ था, और एक-तिहाई कर्मचारियों ने कहा कि पिछले साल उन्होंने काम पर चार या उससे ज्यादा महत्वपूर्ण बदलावों का अनुभव किया है, जिसमें उनकी टीम संरचना और रोजाना की नौकरी की जिम्मेदारियां शामिल हैं.