हैदराबाद:एसआईपी यानी सिस्टेमिट इन्वेस्टमेंट प्लान- यह निवेश का एक तरीका होता है. इस योजना के जरिए आप म्यूचुअल फंड में आसानी से निवेश कर सकते हैं. वेल्थ प्लानर डॉ पंकज ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि क्यों SIP निवेश का एक बेहतर और सुरक्षित टूल है. उन्होंने कहा कि एसआईपी के तहत आपको प्रत्येक महीने एक निश्चित राशि जमा करनी होती है.
एसआईपी में आप दो तरीकों से निवेश कर सकते हैं- डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान. डायरेक्ट प्लान में कोई ब्रोकर नहीं होता है, जबकि रेगुलर प्लान में फंड मैनेजर शामिल होता है. इसके बदले में वे मामूली सा चार्ज भी वसूलते हैं. जाहिर है, इसमें जोखिम के चांस घट जाते हैं. आप किसी भी फंड हाउस की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं, या फिर आप किसी वित्तीय सलाहकार की मदद से निवेश कर सकते हैं. एसआईपी का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आप निवेश तो जरूर करते हैं, लेकिन आप पर आर्थिक बोझ नहीं बढ़ता है, इसकी वजह है छोटी राशि का निवेश.
SIP का चयन कैसे करें
आम तौर पर लोग निवेश करने से पहले कंपनियों के बारे में गूगल सर्च का सहारा लेते हैं. यह जानने की कोशिश करते हैं कि कौन कंपनियां अच्छा परर्फामेंस कर रही हैं. ऐसा करते हुए काफी सावधान रहने की जरूरत है. गूगल पर अक्सर कंपनियों के पुराने डेटा उपलब्ध होते हैं, जिनपर भरोसा करना नुकसान का कारण बन सकता है. इसलिए गूगल और बाजार के रूख पर आधारित निर्णय नुकसानदेय हो सकते हैं.
गूगल अक्सर ही स्मॉल कैप में निवेश की सलाह देता है. वास्तविकता यह है कि स्मॉल कैप में निवेश बेहद जोखिम भरा होता है. यदि आप एक आम निवेशक हैं तो आपको बेहद सोच समझ कर अपने फंड का चुनाव करना चाहिए. निवेश के लिए सिर्फ बाजार की वर्तमान स्थिति ही नहीं बल्कि उसके सेंटिमेंट और भविष्य के रूख की भी पड़ताल करनी चाहिए. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बाजार में कहां अधिक अवसर बन रहे हैं. आम निवेशक के लिए अच्छा होगा कि वह किसी जानकार फंड एडवाजर की मदद से निवेश करे.
निवेश के उद्देश्य से तय होता है फंड का चयन
वेल्थ मैनेजर डॉ. पंकज ने बताया कि निवेश के मूल रूप से दो उद्देश्य होते हैं. पहला, सेविंग और दूसरा भविष्य की योजना. जब हम सेविंग के लिए निवेश करते हैं जो हमें यह कोशिश करनी चाहिए कि ऐसे फंड चुने जिसमें जोखिम कम से कम हो. लेकिन, जब हमारे पास भविष्य की कोई योजना होती है मसलन- कार खरीदना, घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई या शादी इत्यादी तो हम अधिक-से-अधिक रिटर्न देने वाले फंड की ओर रूख करते हैं.
एसआईपी एक लिक्विड इंस्ट्रूमेंट है मतलब पैसा कभी भी निकाल सकते हैं. लांग टर्म सेविंग्स के लिहाज से कम ही लोग एसआईपी में निवेश करते हैं. औसत निवेशक तीन से चार साल में अच्छा रिटर्न मिलने पर पैसे निकाल लेते हैं. जबकि इसमें लंबे समय का निवेश और अधिक रिटर्न दे सकता है.
एसआईपी में निवेश को फलने-फूलने के लिए कितना समय चाहिए
एसआईपी में लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करना चाहिए. 5 सालों के लिए निवेश करते हैं तो तीन अलग-अलग एसआईपी को चुनें. इनमें लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप तीनों को शामिल करना चाहिए. वहीं, यदि निवेश का समय तीन साल है तो स्मॉल और मिड कैप के फंड सही ऑप्शन होते हैं.
क्यों है एसआईपी एक इंवेस्टमेंट टूल
- फ्लैक्सिबिलिटी: आप अपना पूरा पैसा कभी भी निकाल सकते हैं.
- बेहतर रिटर्न: एसआईपी में लोगों को अच्छा रिटर्न मिला है. सही फंड चुन कर रिस्क फैक्टर को काफी कम किया जा सकता है इसके साथ ही इससे मिलने वाला रिटर्न इन्फ्लेशन यानी मंहगाई को मात देने की क्षमता रखता है.