नई दिल्ली : भारत सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) सेल के एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभर रहा है, क्योंकि दूसरे देश जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी पर स्विच करने के लिए सप्लाई के स्रोत के लिए चीन के विकल्प की तलाश कर रहे हैं.
भारत ने वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल-अक्टूबर तक की अवधि में मॉड्यूल या पैनल में असेंबल किए गए 711.95 मिलियन डॉलर के पीवी सेल का निर्यात किया, इसमें से 96 प्रतिशत शिपमेंट अमेरिका गए, जो दिखाता है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन से दूर हो रही है.
भारत ने अप्रैल-अक्टूबर वित्त वर्ष 2025 में मॉड्यूल में असेंबल नहीं किए गए 25 मिलियन डॉलर के फोटोवोल्टिक सेल का भी निर्यात किया, इसमें से 90 प्रतिशत निर्यात अमेरिका गया. अमेरिका भारतीय सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) मॉड्यूल के लिए भी एक प्रमुख निर्यात बाजार था, जो वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2024 में देश के सौर पीवी निर्यात का 97 प्रतिशत से अधिक था.
इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (आईईईएफए) और जेएमके रिसर्च एंड एनालिटिक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) प्रोडक्ट के शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक बनने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है, जिसका निर्यात मूल्य वित्त वर्ष 2022 से 23 गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 2 बिलियन डॉलर हो गया.
रिपोर्ट की लेखिका, आईईईएफए की निदेशक (दक्षिण एशिया) विभूति गर्ग ने कहा, "अमेरिकी बाजार पर ध्यान केंद्रित करने से भारतीय पीवी मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को फायदा मिल सकता है. इससे भारतीय पीवी निर्माताओं के उत्पाद की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी."