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UNFPA रिपोर्ट से खुलासा- भारत की जनसंख्या 144 करोड़ के पार, 14 साल तक के बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा - India population

India population- यूएनएफपीए की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की आबादी 1.44 अरब तक पहुंच गई है, जिसमें 24 फीसदी 0-14 आयु वर्ग में हैं. रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जनसंख्या 77 वर्षों में दोगुनी होने का अनुमान है. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 17, 2024, 11:20 AM IST

Updated : Apr 17, 2024, 11:30 AM IST

नई दिल्ली:भारत की लेटेस्ट जनसंख्या को लेकर यूनाइटेड नेशन पॉपूलेशन फंड की रिपोर्ट आई गई है. यूएनएफपीए ने अपने ताजा रिपोर्ट में दिखाया है कि भारत की आबादी 144 करोड़ पहुंच गई है, जिसमें 24 फीसदी आबादी 0 से 14 साल के उम्र वालों की है. यूएनएफपीए की विश्व पॉपूलेशन रिपोर्ट 2024 से पता चलता है कि भारत की जनसंख्या 77 वर्षों में दोगुनी होने का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 1.44 अरब की अनुमानित आबादी के साथ विश्व स्तर पर सबसे आगे है, इसके बाद चीन 1.425 अरब की आबादी के साथ दूसरे स्थान पर है. 2011 में हुई पिछली जनगणना के दौरान भारत की जनसंख्या 1.21 अरब दर्ज की गई थी.

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि भारत की अनुमानित 24 फीसदी आबादी 0 से 14 वर्ष की है, जबकि 17 फीसदी 10 से 19 आयु सीमा के भीतर है. अनुमान है कि 10 से 24 आयु वर्ग 26 फीसदी है, जबकि 15 से 64 आयु वर्ग 68 फीसदी है. इसके अलावा, भारत की 7 फीसदी आबादी 65 वर्ष और उससे अधिक आयु की है, जिसमें पुरुषों की जीवन प्रत्याशा 71 वर्ष और महिलाओं की 74 वर्ष है.

रिपोर्ट के मुताबिक, 2006-2023 के बीच भारत में बाल विवाह का 23 फीसदी था. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मातृ मृत्यु में काफी गिरावट आई है, जो दुनिया भर में होने वाली ऐसी सभी मौतों का 8 फीसदी है. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मातृ मृत्यु जोखिम में नाटकीय असमानताएं देखी जा रही हैं.

पीएलओएस ग्लोबल पब्लिक हेल्थ द्वारा भारत में जिला-स्तरीय मैटरनल डेथ अनुपात के अनुमान और सहसंबंध पर एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, यूएनएफपीए ने कहा कि भारत के 640 जिलों में हालिया शोध से पता चला है कि लगभग एक तिहाई ने मातृ मृत्यु अनुपात को कम करने का सतत विकास लक्ष्य हासिल किया है. प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर 70, 114 जिलों में अभी भी अनुपात 210 या उससे अधिक है.

प्रति 100,000 जन्मों पर सबसे अधिक - 1,671 - अरुणाचल प्रदेश के तिराप जिले में देखा जाता है, जो एक ग्रामीण क्षेत्र है जहां स्वदेशी लोगों का अनुपात अधिक है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि विकलांग महिलाओं को अपने विकलांग साथियों की तुलना में लिंग आधारित हिंसा का अनुभव होने की संभावना 10 गुना अधिक है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि विकलांग महिलाओं और लड़कियों, प्रवासियों और शरणार्थियों, जातीय अल्पसंख्यकों, LGBTQIA+ लोगों, एचआईवी से पीड़ित लोगों और वंचित जातियों को अधिक सेक्सुअल और रिप्रोडक्टिव हेल्थ जोखिमों का सामना करना पड़ता है और सेक्सुअल और रिप्रोडक्टिव स्वास्थ्य देखभाल तक असमान पहुंच का भी सामना करना पड़ता है.

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Last Updated : Apr 17, 2024, 11:30 AM IST

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