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घर में कितना कैश रख सकते हैं आप? जान लें नियम...वरना पड़ सकती है Income Tax की रेड - CASH LIMIT AT HOME

जो लोग इंटरनेट फ्रेंडली नहीं हैं कैश के जरिए ही अपने सारे काम करते हैं. घर में कैश रखने से पहले इसके नियम जान लें.

Cash Limit At Home
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 4 hours ago

नई दिल्ली:कोरोना काल के बाद से डिजिटल ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़े हैं. अब एक बड़ी आबादी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करना पसंद करती है. लेकिन इसके बाद भी सभी तरह के ट्रांजेक्शन अभी भी कैश के जरिए ही किए जाते हैं. वहीं, जो लोग इंटरनेट फ्रेंडली नहीं हैं, वे भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की जगह कैश के जरिए ही अपने सारे काम पूरे करना पसंद करते हैं. इस वजह से लोग अभी भी घर में काफी कैश रखते हैं. लेकिन टैक्स चोरी और कालेधन जैसी समस्याओं पर काबू पाने के लिए सरकार ने कैश को लेकर कई नियम बनाए हैं. ऐसे में एक सवाल है जो कई बार दिमाग में आता है कि घर में कितना कैश रख सकते हैं?

कैश रखने का क्या है नियम
इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक घर में कैश रखने के मामले में कोई खास नियम या सीमा नहीं बनाई गई है. अगर आप आर्थिक रूप से सक्षम हैं तो घर में कितना भी कैश रख सकते हैं. लेकिन आपके पास उस पैसे का सोर्स होना चाहिए. अगर कभी जांच एजेंसी आपसे पूछताछ करती है तो आपको सोर्स दिखाना होगा. साथ ही आपको आईटीआर डिक्लेरेशन भी दिखाना होगा. इसका मतलब यह है कि अगर आपने अवैध तरीके से पैसा नहीं कमाया है, तो घर में चाहे कितनी भी नकदी क्यों न हो, आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है.

किन स्थितियों में हो सकती है कार्रवाई
अगर आप जांच एजेंसी को पैसे का स्रोत नहीं बता पाते हैं, तो यह आपके लिए बड़ी परेशानी हो सकती है. ऐसी स्थिति में जांच एजेंसी को इसकी जानकारी दी जाती है. फिर आयकर विभाग जांच करता है कि आपने कितना टैक्स चुकाया है. इस बीच अगर गणना में अनडिक्लेयर्ड कैश पाई जाती है, तो आयकर विभाग की ओर से आपके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. ऐसी स्थिति में आपसे अघोषित रकम का 137 फीसदी तक टैक्स वसूला जा सकता है.

कैश के मामले में और क्या हैं नियम

  • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के मुताबिक, अगर आप एक बार में 50,000 रुपये से ज्यादा नकद निकालते हैं, तो आपको अपना पैन कार्ड दिखाना होगा. आयकर अधिनियम की धारा 194एन के तहत अगर कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख रुपये से ज्यादा की निकासी करता है, तो उसे टीडीएस देना होगा. हालांकि यह नियम केवल उन लोगों के लिए है जिन्होंने लगातार 3 वर्षों तक आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल नहीं किया है. जिन लोगों ने ITR दाखिल कर दिया है, उन्हें इस मामले में थोड़ी राहत मिलती है.

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