मुंबई:शेयर बाजार में कंपनियां अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लॉन्च करके फंड जुटाने के लिए बाजार में आ रही हैं. शेयर बाजार में तेजी के बीच निवेशक भी प्राथमिक बाजार में अच्छी खासी हिस्सेदारी कर रहे हैं और उन्हें अच्छे रिटर्न की उम्मीद करते है. हालांकि आईपीओ को ऑफर साइज से कहीं ज्यादा आवेदन मिलते हैं, इसलिए ज्यादातर निवेशकों को आईपीओ अलॉट नहीं हो पाता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि आईपीओ आवंटन की संभावना बढ़ाने के लिए निवेशकों को अलग-अलग डीमैट अकाउंट के माध्यम से आवेदन करने की जरूरत है. आवेदन करने से पहले अलग-अलग कैटेगरी के लिए आईपीओ कोटा का विश्लेषण करना चाहिए.
IPO के लिए भारी उत्साह निवेशकों को अपनी किस्मत आजमाने के लिए मजबूर कर रहा है. हालांकि मांग ज्यादा होने के कारण, सभी को आवंटन नहीं मिलता, खासकर बहुत लोकप्रिय या बड़े टिकट वाले IPO में. तो क्या आप यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ कर सकते हैं कि आपको आवंटन मिले?
कई कारोबारी कंपनियां आईपीओ के जरिए जनता से पूंजी जुटा रही हैं. इनमें से कुछ शुरुआती मुनाफा देकर निवेशकों में नया उत्साह भरती हैं. इसी वजह से कई लोग आईपीओ के लिए आवेदन करने में रुचि रखते हैं. लेकिन उनमें से कुछ ही लोगों को शेयर मिल पाते हैं. ऐसे में आज हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे जिसको अपनाकर आप भी आईपीओ अलॉट पा सकते है.
नोट-यह ध्यान रखना जरूरी है कि आईपीओ में शेयरों का आवंटन पूरी तरह से ऑटोमेटिक होता है. इन शेयरों के आवंटन की प्रक्रिया में कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता है. जब बड़ी संख्या में आईपीओ आवेदन आते हैं, तो सभी आवेदकों को प्राथमिकता दी जाती है ताकि कम से कम एक लॉट आवंटित हो सके.
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कई डीमैट खाते- निवेशक अपने सभी डीमैट खातों से आईपीओ के लिए आवेदन करते हैं. इस वजह से कई मामलों में शेयर आवंटित नहीं हो पाते. इसके बजाय परिवार के सदस्यों के नाम पर सभी डीमैट खातों से आईपीओ के लिए आवेदन करना बेहतर होता है. ऐसे में किसी एक खाते में शेयर आवंटित होने की संभावना अधिक होती है.
अधिकतम कट-ऑफ पर बोली लगाएं- खुदरा निवेशकों को अधिकतम कट-ऑफ पर बोली लगानी होती है. कुछ लोग वह कीमत तय करते हैं जिस पर वे शेयर खरीदना चाहते हैं. अधिकतम कीमत पर आवंटन होने पर उन्हें शेयर जारी नहीं किए जाएंगे. इसलिए कट-ऑफ कीमत पर आवेदन करना हमेशा बेहतर होता है.
शेयरधारक सेक्शन में-अपने अवसरों को बेहतर बनाने के लिए निवेशकों को शेयरधारकों के कोटे पर भी ध्यान देना चाहिए. इसके लिए उन्हें पहले मूल कंपनी के शेयर खरीदने चाहिए. फिर शेयरधारकों के अनुभाग में आवेदन करने का अवसर मिलेगा. यहां प्रतिस्पर्धा कम होने की संभावना है. इसलिए शेयर मिलने की संभावना बढ़ जाएगी.
अगर आप आखिरी तारीख पर आवेदन करना चाहते हैं- कई लोग आरंभिक सार्वजनिक पेशकश की आखिरी तारीख तक आवेदन नहीं करते हैं. इससे कई बार दिक्कतें हो सकती हैं. ब्रोकर आखिरी दिन से पहले आवेदन स्वीकार करना बंद कर सकते हैं. जब कोई कंपनी आईपीओ के लिए आवेदन करना चाहती है, तो उसे पहले दिन ही आवेदन पूरा कर लेना चाहिए. इंतजार करने का कोई मतलब नहीं है.
UPI के माध्यम से भुगतान- UPI के माध्यम से आईपीओ के लिए आवेदन करने वालों के लिए लेनदेन की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. हालांकि, UPI के माध्यम से केवल एक आवेदन की अनुमति है.