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टाटा संस के साथ टाटा कंपनियों को कैसे कंट्रोल करता है टाटा ट्रस्ट - TATA TRUSTS CONTROLS TATA SONS

टाटा ट्रस्ट कई सारे ट्रस्टों का एक ग्रुप है. टाटा ट्रस्ट में टाटा संस का लगभग 66 फीसदी हिस्सा भी है.

Noel Tata
नोएल टाटा (प्रतीकात्मक फोटो) (IANS Photo)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 12, 2024, 2:00 PM IST

नई दिल्ली:उद्योगपति रतन टाटा का 9 अक्टूबर को 86 साल की उम्र में निधन हो गया. रतन टाटा वो उद्योगपति थे, जिन्हें सादगी के लिए जाना जाता था. रतन टाटा उस कारोबारी घराने से आते थे जिसका दशकों से बाजार में नाम है.

रतन टाटा जिसे कारोबारी घराने से आते थे, उसकी शुरुआत 1868 में जमशेदजी टाटा ने की थी. आज टाटा ग्रुप में 100 से ज्यादा कंपनियां हैं. दुनिया के 100 देशों में टाटा की कंपनियों हैं. अगस्त 2023 तक टाटा ग्रुप की कंपनियों की कंपनियां की एमकैप 403 अरब डॉलर (34 लाख करोड़ ) से भी ज्यादा है.

टाटा ट्रस्ट, टाटा समूह की परोपकारी शाखा है, जिसके पास टाटा संस का लगभग 66 फीसदी हिस्सा भी है, जो एक निजी होल्डिंग कंपनी है. इसके पास टाटा समूह की सभी कंपनियों में हिस्सेदारी है. यह तब चर्चा में आया जब नोएल टाटा को शुक्रवार, 11 अक्टूबर, 2024 को ट्रस्ट का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. इससे पहले रतन टाटा के निधन के बाद, जो इस पद पर थे.

टाटा ट्रस्ट एक ट्रस्टों का एक ग्रुप
टाटा ट्रस्ट कई सारे ट्रस्टों का एक ग्रुप है. टाटा ग्रुप को दो प्रमुख ट्रस्ट सर रतन टाटा और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट हैं. इन दोनों ट्रस्टों की टाटा संस में 52 फीसदी की हिस्सेदारी है. इन दो ट्रस्टों के अलावा टाटा ट्रस्ट में शामिल बाकी ट्रस्ट की टाटा संस में 14 फीसदी हिस्सेदारी है. इस तरह से टाटा संस में टाटा ट्रस्ट की कुल हिस्सेदारी 66 फीसदी है.

टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 1917 में हुई थी और यह टाटा समूह के अंतर्गत आने वाले सभी ब्रांडों के प्रमोटर और होल्डिंग कंपनी के रूप में कार्य करती है. नटराजन चंद्रशेखरन जनवरी 2017 से इसके अध्यक्ष हैं.

नोएल टाटा की टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के पीछे की कहानी क्या थी?
रतन टाटा का 09 अक्टूबर, 2024 की रात को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 वर्ष की आयु में बुढ़ापे से संबंधित समस्याओं के कारण निधन हो गया. उन्होंने कभी शादी नहीं की और अपने पीछे कोई संतान नहीं छोड़ी, जिससे उनका उत्तराधिकार एक प्रमुख बिंदु बन गया.

रतन टाटा, नवल टाटा और उनकी पहली पत्नी सूनी टाटा के बेटे थे. उनके माता-पिता 1948 में अलग हो गए थे, जब वह लगभग 10 साल के थे. इस बीच, नोएल टाटा, नवल टाटा और उनकी दूसरी पत्नी सिमोन टाटा के बेटे थे, जो उन्हें उनका सौतेला भाई बनाते हैं.

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