नई दिल्ली:घर पर बनी शाकाहारी थाली की कीमत साल-दर-साल 7 फीसदी बढ़ी है, जबकि नॉन-वेज थाली की कीमत में इतने ही फीसदी की गिरावट आई है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की जारी रिपोर्ट से इस बात का पता चला है. घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर की जाती है. मासिक परिवर्तन आम आदमी के खर्च पर प्रभाव को दिखाता है. आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि थाली की कीमत में बदलाव लाने वाले तत्व (अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस) हैं.
शाकाहारी थाली की लागत में हुई वृद्धि
प्याज और आलू की कम आवक और पिछले वित्त वर्ष का आधार कम होने के कारण प्याज, टमाटर और आलू की कीमतों में सालाना आधार पर क्रमश- 40 फीसदी, 36 फीसदी और 22 फीसदी की वृद्धि के कारण शाकाहारी थाली की लागत में वृद्धि हुई. कम आवक के बीच, चावल (शाकाहारी थाली लागत का 13 फीसदी) और दालों (9 फीसदी) की कीमतों में साल-दर-साल क्रमश- 14 फीसदी और 22 फीसदी की वृद्धि हुई.
नॉन-वेज थाली की कीमत में आई कमी
नॉन-वेज थाली की कीमत में कमी पिछले वित्त वर्ष के उच्च आधार पर ब्रॉयलर की कीमतों में सालाना आधार पर 16 फीसदी की गिरावट के कारण हुई. हालांकि, महीने-दर-महीने शाकाहारी थाली की कीमत में 1 फीसदी की गिरावट आई और नॉन-वेज थाली की कीमत में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
टमाटर की कीमतों में महीने-दर-महीने 2 फीसदी की गिरावट (शाकाहारी थाली की लागत का 9 फीसदी) के कारण शाकाहारी थाली की लागत कम हो गई, जबकि प्याज और चावल की कीमतें स्थिर रहीं. इसके विपरीत, फसल की क्षति के कारण आलू की कीमतों में हर महीने 6 फीसदी की वृद्धि हुई, जिससे थाली की लागत में और गिरावट नहीं हुई.