नई दिल्ली : वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, 2025 में गतिशील वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बीच सोने के लिए संभावनाओं और चुनौतियों का मिश्रण देखने को मिल सकता है. इसी के साथ पीली धातु की कीमतों में वृद्धि की संभावना भी देखी जा रही है.
केंद्रीय बैंक की कार्यवाहियां, भू-राजनीतिक तनावों और विकसित हो रही उपभोक्ता और निवेशक मांग जैसे कारक सोने के प्रदर्शन के लिए अहम माने जा रहे हैं. नए वर्ष के साथ सोने की कीमत स्थिर रह सकती है या कीमतों में मामूली वृद्धि भी दर्ज की जा सकती है. सोने की कीमतों के स्थिर रहने को लेकर वैश्विक जीडीपी, बॉन्ड प्रतिफल और मुद्रास्फीति जैसे प्रमुख आर्थिक घटकों का संकेत मिल रहा है, लेकिन जोखिम अभी भी बने हुए हैं.
सोने की कीमतों के वर्तमान परिदृश्य को देखें तो मौजूदा कमजोरी एमसीएक्स में 76,000-78,000 की संभावित ट्रेडिंग रेंज का संकेत देती है. इसके साथ बाजार में जारी अस्थिरता के बीच अल्पकालिक दृष्टिकोण सतर्क बना हुआ है. एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट, जतिन त्रिवेदी ने कहा, "अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों से मिले-जुले संकेतों के बाद मुनाफावसूली तेज होने से सोने में भारी बिकवाली देखी गई. उत्पादक मूल्य सूचकांक (पीपीआई) डेटा कम रहा, लेकिन साप्ताहिक बेरोजगारी दावों में बढ़ोतरी के कारण कॉमेक्स पर सोने की कीमतें 2,710 डॉलर से गिरकर 2,670 डॉलर पर आ गईं."
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा, "एमसीएक्स गोल्ड 79,000 से गिरकर 77,450 पर आ गया, जो कल से 1,500 से अधिक की गिरावट दर्शाता है. इसके अलावा, राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में संयुक्त राज्य अमेरिका सोने की गति में एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में देखा जा रहा है. एक व्यवसाय समर्थक एजेंडा घरेलू भावना को बढ़ावा दे सकता है. हालांकि, वैश्विक निवेशक सतर्क बने हुए हैं और मुद्रास्फीति के दबाव और सप्लाई चेन से जुड़ी बाधाओं को लेकर चिंता में हैं.
उम्मीद की जा रही है कि फेडरल रिजर्व इस वर्ष के अंत तक ब्याज दरों में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती करेगा, जो कि सोने का समर्थन करेगा, लेकिन नीति में उलटफेर चुनौतियों को पैदा कर सकता है. सोने के प्रदर्शन के लिए भारत और चीन, जो कि सोने के दो सबसे बड़े बाजार हैं, महत्वपूर्ण बने रहेंगे. चीन में आर्थिक विकास और सरकारी प्रोत्साहन उपभोक्ता मांग को प्रभावित कर सकते हैं.
वहीं, भारत 6.5 प्रतिशत से अधिक आर्थिक विकास के साथ एक मजबूत स्थिति में है, जो उपभोक्ता मांग का समर्थन करता है. इसके अलावा, देश में वित्तीय सोने के निवेश प्रोडक्ट लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं, जो बाजार में लचीलापन जोड़ने में मददगार बन रहा है. 2025 में सोने के 2024 के अंत की रेंज के भीतर ट्रेड करने की संभावना है. वहीं, केंद्रीय बैंक की खरीदारी महत्वपूर्ण बनी रहेगी, जो नए साल में सोने के लिए एक स्थिर आधार प्रदान करेगी.
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