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8th Pay Commission: वेतन आयोग के अंतर्गत कौन आता है? जानें - 8TH PAY COMMISSION

केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में संशोधन के लिए दस साल में वेतन आयोग का गठन करती है.

Pay Commission
वेतन आयोग के अंतर्गत कौन आता है? (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 16, 2025, 4:52 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन का फैसला लिया गया.मंत्री ने यह भी बताया कि आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी.

बता दें कि केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में संशोधन के लिए दस साल में एक बार वेतन आयोग का गठन करती है. इसके अलावा वेतन आयोग पेंशन भुगतान भी तय करता है. फिलहाल देश में 7 वां वेतन आयोग लागू है. इसका सिफारिशें 2016 में की गई थी और इसका कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा.

वेतन आयोग के अंतर्गत कौन आते हैं?
7वें वेतन आयोग के अनुसार केंद्र सरकार के वे कर्मचारी जो सिविल सेवाओं में हैं और जिन्हें भारत के कंसोलिडेटेड फंड से वेतन दिया जाता है. वे सब इसके अंतर्गत आते हैं. पब्लिस सेक्टर अंडरटेकिंग (PSUs) और ऑटोनॉमस बॉडी के कर्मचारी और ग्रामीण डाक सेवक वेतन आयोग के दायरे में नहीं आते हैं.

इसका मतलब यह होगा कि कोल इंडिया में काम करने वाला कोई व्यक्ति इसके दायरे में नहीं आएता है. पीएसयू कर्मचारियों के पास अलग-अलग वेतनमान होते हैं, जो उनके द्वारा काम किए जाने वाले उपक्रम पर निर्भर करते हैं.

सातवें वेतन आयोग में क्या बदलाव हुए थे?
सातवें वेतन आयोग के लिए कर्मचारी यूनियनों ने 3.68 फिटमेंट फैक्टर की मांग की थी, लेकिन सरकार ने 2.57 फिटमेंट फैक्टर तय किया. फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर है, जिसका उपयोग वेतन और पेंशन की गणना के लिए किया जाता है.

इससे न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये प्रति माह हो गया, जबकि छठे वेतन आयोग में यह 7,000 रुपये महीना था. इसके साथ ही न्यूनतम पेंशन भी 3,500 रुपये से बढ़कर 9000 रुपये हो गई थी. अधिकतम वेतन 2,50,000 रुपये और अधिकतम पेंशन 1,25,000 रुपये हो गई थी.

कब बना पहला आयोग?
बता दें कि पहला वेतन आयोग 1946 में स्थापित किया गया था. आजादी के बाद से अब तक कुल सात वेतन आयोगों का गठन किया जा चुका है. सबसे हालिया वेतन आयोग 2014 में स्थापित किया गया था और इसकी सिफारिशें 2016 में लागू हुईं. वर्तमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन मिलता है.

यह भी पढ़ें- क्या है वेतन आयोग और क्या है इसका काम? जानें

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन का फैसला लिया गया.मंत्री ने यह भी बताया कि आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी.

बता दें कि केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में संशोधन के लिए दस साल में एक बार वेतन आयोग का गठन करती है. इसके अलावा वेतन आयोग पेंशन भुगतान भी तय करता है. फिलहाल देश में 7 वां वेतन आयोग लागू है. इसका सिफारिशें 2016 में की गई थी और इसका कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा.

वेतन आयोग के अंतर्गत कौन आते हैं?
7वें वेतन आयोग के अनुसार केंद्र सरकार के वे कर्मचारी जो सिविल सेवाओं में हैं और जिन्हें भारत के कंसोलिडेटेड फंड से वेतन दिया जाता है. वे सब इसके अंतर्गत आते हैं. पब्लिस सेक्टर अंडरटेकिंग (PSUs) और ऑटोनॉमस बॉडी के कर्मचारी और ग्रामीण डाक सेवक वेतन आयोग के दायरे में नहीं आते हैं.

इसका मतलब यह होगा कि कोल इंडिया में काम करने वाला कोई व्यक्ति इसके दायरे में नहीं आएता है. पीएसयू कर्मचारियों के पास अलग-अलग वेतनमान होते हैं, जो उनके द्वारा काम किए जाने वाले उपक्रम पर निर्भर करते हैं.

सातवें वेतन आयोग में क्या बदलाव हुए थे?
सातवें वेतन आयोग के लिए कर्मचारी यूनियनों ने 3.68 फिटमेंट फैक्टर की मांग की थी, लेकिन सरकार ने 2.57 फिटमेंट फैक्टर तय किया. फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर है, जिसका उपयोग वेतन और पेंशन की गणना के लिए किया जाता है.

इससे न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये प्रति माह हो गया, जबकि छठे वेतन आयोग में यह 7,000 रुपये महीना था. इसके साथ ही न्यूनतम पेंशन भी 3,500 रुपये से बढ़कर 9000 रुपये हो गई थी. अधिकतम वेतन 2,50,000 रुपये और अधिकतम पेंशन 1,25,000 रुपये हो गई थी.

कब बना पहला आयोग?
बता दें कि पहला वेतन आयोग 1946 में स्थापित किया गया था. आजादी के बाद से अब तक कुल सात वेतन आयोगों का गठन किया जा चुका है. सबसे हालिया वेतन आयोग 2014 में स्थापित किया गया था और इसकी सिफारिशें 2016 में लागू हुईं. वर्तमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन मिलता है.

यह भी पढ़ें- क्या है वेतन आयोग और क्या है इसका काम? जानें

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