दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

खाद्य पदार्थों की कीमतों को लेकर इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने कही ये बात - Inflation

Inflation : क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिक्ट के अनुसार मानसून की प्रगति और बुवाई में तेजी से कृषि उत्पादन में सुधार होगा और आने वाले महीनों में खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आएगी.पढ़ें पूरी खबर...

By IANS

Published : Jul 13, 2024, 1:05 PM IST

Food prices set to cool off in coming months as monsoon progresses
कॉन्सेप्ट इमेज (IANS)

नई दिल्ली: आने वाले महीनों में खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आने और मुद्रास्फीति के 4 से 4.5 प्रतिशत के बीच स्थिर होने का अनुमान है. ऐसा इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है. भारत की उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति यानी CPI पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इस साल जून में बढ़कर 5.08 प्रतिशत हो गई. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार, जून में बारिश कम हुई, लेकिन यह कोई चिंता की बात नहीं है, क्योंकि खरीफ के लिए जुलाई और अगस्त की बारिश ही मायने रखती है. गैर-खाद्य मुद्रास्फीति में लगातार 17वें महीने कमी आई है और यह 2.3 प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई है.

क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिक्ट धर्मकीर्ति जोशी ने कहा, "हमें उम्मीद है कि मानसून की प्रगति और बुवाई में तेजी से कृषि उत्पादन में सुधार होगा और आने वाले महीनों में खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आएगी. आगामी महीनों में हम खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे मुख्य मुद्रास्फीति औसतन 4.5 प्रतिशत तक नीचे आ जाएगी. पर, आने वाली नीति में दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है, क्योंकि आरबीआई 4 प्रतिशत टिकाऊ मुद्रास्फीति का लक्ष्य लेकर चल रहा है.''

कॉन्सेप्ट इमेज (IANS)

मई में मुद्रास्फीति घटकर 4.75 प्रतिशत पर आ गई थी, जो 12 महीने का सबसे निचला स्तर था, जबकि अप्रैल में यह 4.83 प्रतिशत पर आ गई थी, जो 11 महीने का सबसे निचला स्तर था. जून के आंकड़े हाल के महीनों में शुरू हुई गिरावट के रुझान से अलग हैं.

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल के अनुसार, जून महीने के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति मुख्य रूप से खाद्य और पेय पदार्थों की मुद्रास्फीति के कारण है, जो मई में 7.9 प्रतिशत से बढ़कर जून में 8.4 प्रतिशत हो गई. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि आने वाले महीनों में खाद्य कीमतें स्थिर हो जाएंगी और मुद्रास्फीति का रुख भी नरम होकर 4 से 4.5 प्रतिशत के बीच स्थिर हो जाएगा."

ICRA की चीफ इकोनॉमिक्ट अदिति नायर ने कहा कि खाद्य और पेय पदार्थों को छोड़कर, अन्य सभी सब-ग्रुप्स में मुद्रास्फीति जून में 4 प्रतिशत के निशान से नीचे रही. उन्होंने कहा, "आमतौर पर जुलाई के महीने में खरीफ की लगभग 50 प्रतिशत बुवाई होती है, इसलिए बुवाई को तेज करने के लिए अगले कुछ हफ्तों में सभी क्षेत्रों में पर्याप्त बारिश होना जरूरी है." आईसीआरए का अनुमान है कि जुलाई में मुख्य consumer price inflation - CPI मुद्रास्फीति घटकर 2.5-3 प्रतिशत रह जाएगी, जो पूरी तरह से अनुकूल आधार प्रभाव के कारण होगा.

ये भी पढ़ें-

ABOUT THE AUTHOR

...view details