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दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो कंपनी बिनेंस पर शिकंजा, FIU ने 18 करोड़ रुपये लगाया जुर्माना - Financial Intelligence Unit penalty - FINANCIAL INTELLIGENCE UNIT PENALTY

FIU imposes Penalty On Binance : दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनी बिनेंस पर भारत ने शिकंजा कसा है. वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) ने उस पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत 18 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है. पढ़िए कृष्णानंद की रिपोर्ट.

Binance
बिनेंस (IANS File photo)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 20, 2024, 10:09 PM IST

नई दिल्ली :वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) ने भारत के एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून (मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम 2002) का उल्लंघन करने के लिए गुरुवार को क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंज बिनेंस पर 18.82 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. कंपनी चांगपेंग झाओ ने स्थापित की थी, जो मात्रा के हिसाब से क्रिप्टो मुद्राओं के लिए दुनिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज है.

पिछले साल दिसंबर में फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU-IND) ने देश के वैधानिक ढांचे का पालन किए बिना भारत में अपने ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करने के लिए बिनेंस को नोटिस जारी किया था.

गुरुवार को जारी एक बयान में एफआईयू ने कहा कि बिनेंस वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर (वीडीए-एसपी) के रूप में काम कर रहा है. ये धारा 2 (एसए) (vi) के तहत अन्य गतिविधियों के रूप में नामित व्यवसाय या पेशे को चला रहा है. ये धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 कानून के तहत एक रिपोर्टिंग इकाई है.

इसमें कहा गया है कि पीएमएलए के तहत अपने वैधानिक दायित्वों का पालन किए बिना भारतीय ग्राहकों और भारत के भीतर परिचालन के लिए बिनेंस के चल रहे प्रावधान के कारण, अधिनियम की धारा 13 के तहत बिनेंस को 28 दिसंबर, 2023 को एक नोटिस जारी किया गया था.

मांगा था जवाब :नोटिस में कहा गया था कि वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर (वीडीए-एसपी) के रूप में इसके संचालन के कारण एक रिपोर्टिंग इकाई के रूप में इसकी स्थिति के बावजूद, अधिनियम के तहत कर्तव्यों की उपेक्षा के लिए इसके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए. पिछले साल दिसंबर के एफआईयू के नोटिस के जवाब में, कंपनी ने भारतीय अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन दिया. हालांकि, यह भारत के वित्तीय खुफिया नियामक के साथ विवाद को कम करने में विफल रहा.

'आरोप सही': एफआईयू ने कहा, 'बिनेंस के लिखित और मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री के आधार पर एफआईयू-आईएनडी के निदेशक ने पाया कि बिनेंस के खिलाफ आरोप सही थे.'

बयान में कहा गया है कि नतीजतन, निदेशक एफआईयू-आईएनडी ने धारा 13 पीएमएलए के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए 19 जून, 2024 के आदेश के तहत बिनेंस पर 18,82,00,000 (अट्ठारह करोड़ बयासी लाख रुपये मात्र) रुपये का जुर्माना लगाया. फाइनेंशियल इंटेलिजेंस वॉचडॉग ने कहा कि बिनेंस पर धारा 12(1), पीएमएलए के नियम 7(1), पीएमएल नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया है.

इसके अलावा एफआईयू ने यह भी माना है कि बिनेंस धारा 12(1), पीएमएलए के साथ पठित नियम 3(1)(डी) और 7(3), और 8(2) धन शोधन निवारण नियमों का उल्लंघन कर रहा था.

एफआईयू-आईएनडी ने 2002 के धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अध्याय IV में उल्लिखित अपने दायित्वों का परिश्रमपूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए बिनेंस को विशिष्ट निर्देश भी जारी किए हैं.

मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों की रोकथाम और आतंकवाद के वित्तपोषण (एएमएलसीएफटी) से निपटने के लिए बिनेंस को 2005 के पीएमएलए रिकॉर्ड रखरखाव नियमों (पीएमएलए नियमों) का भी पालन करना होगा.

एफआईयू के आदेश में सेशेल्स में स्थित बिनेंस इन्वेस्टमेंट्स कंपनी लिमिटेड और केमैन आइलैंड्स में स्थित बिनेंस होल्डिंग्स लिमिटेड शामिल हैं और ज्यूरिख स्विट्जरलैंड में स्थित बिनेंस (स्विट्जरलैंड) एजी भी शामिल है.

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