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28 फरवरी को होगी EPFO बोर्ड की बैठक, ब्याज दर पर हो सकता है बड़ा फैसला - EPFO BOARD

EPFO के सेंट्रल बॉर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक में भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर तय की जाएगी.

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28 फरवरी को होगी EPFO बोर्ड की बैठक (Getty Images)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 4, 2025, 2:25 PM IST

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सेंट्रल बॉर्ड ऑफ ट्रस्टी (CBT) की 28 फरवरी को बैठक होने वाली है. इस बैठक में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर तय की जाएगी. हालांकि, बैठक का आधिकारिक एजेंडा अभी तक साझा नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि मीटिंग में चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर को अंतिम रूप देना प्राथमिकता होगी.

बिजनेस टुडेने एक आधिकारिक सूत्र को हवाले से बताया है कि सीबीटी की 237वीं बैठक 28 फरवरी को होगी. केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री की अध्यक्षता वाली सीबीटी ईपीएफओ की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था है. इसमें नियोक्ता संघों, ट्रेड यूनियनों, केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं.

पिछले साल कितनी ब्जाज दर तय हुई थी?
बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ईपीएफओ ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर 8.25 प्रतिशत निर्धारित की थी, जो 2022-23 में 8.15 प्रतिशत से अधिक है. आगामी बैठक में यह तय होगा कि ब्याज दर में और वृद्धि की जाएगी या अपरिवर्तित रहेगी.

बैठक का अहम फैसला
पिछली सीबीटी बैठक 30 नवंबर 2024 को हुई थी. इसमें पीएफ निपटान पर ब्याज भुगतान के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया था. इससे फैसले से पहले ब्याज वाले क्लेम को 25 तारीख से लेकर महीने के अंत तक प्रोसेस नहीं किया जाता था, जिससे सदस्यों को ब्याज का नुकसान होता था. नया नियम यह सुनिश्चित करता है कि निपटान की तारीख तक ब्याज का भुगतान किया जाएगा.

ईपीएफ मेंबर्स की संख्या में इजाफा
ईपीएफओ की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार योगदान देने वाले प्रतिष्ठानों की संख्या 2022-23 में 7.18 लाख से 6.6 प्रतिशत बढ़कर 7.66 लाख हो गई. एक्टिव ईपीएफ सदस्यों की संख्या में भी 7.6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 2022-23 में 6.85 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 7.37 करोड़ हो गई. इस रिपोर्ट को पिछली सीबीटी बैठक में मंजूरी दी गई थी.

ईपीएफ में अधिक से अधिक लोगों के योगदान और हाई रिटर्न की उम्मीदों के साथ आगामी बैठक में ब्याज दर के निर्णय पर बारीकी से नजर रखी जाएगी, क्योंकि लाखों कर्मचारी अपनी दीर्घकालिक बचत के लिए इन जमाओं पर निर्भर हैं.

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