नई दिल्ली:मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर ने रूलिंग पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनावी बॉन्ड के रूप में लगभग 584 करोड़ रुपये दिए है. जो इस सबसे बड़ा दान है. इसके बाद क्विक सप्लाई चेन मैनेजमेंट लिमिटेड (375 करोड़ रुपये), वेदांता ग्रुप (236 करोड़ रुपये) और भारती ग्रुप (230 करोड़ रुपये) का योगदान रहा है.
एमईआईएल से जुड़ी कंपनियों-वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड और एसईपीसी पावर ने भी भाजपा को 85 करोड़ रुपये का दान दिया, जिससे समूह का पार्टी को कुल दान 669 करोड़ रुपये हो गया.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार चुनावी बॉन्ड पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के विश्लेषण से यह बात सामने आई है. यह जानकारी बैंक द्वारा भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को दी गई, जिसने अपनी वेबसाइट पर डेटा पोस्ट किया.
कांग्रेस को वेदांता से मिला फायदा
कांग्रेस को सबसे ज्यादा फायदा वेदांता ग्रुप (125 करोड़ रुपये) से मिला, उसके बाद वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी (110 करोड़ रुपये) और एमकेजे एंटरप्राइजेज (69 करोड़ रुपये) का स्थान रहा. यशोदा हॉस्पिटल ग्रुप ने इसे 64 करोड़ रुपये दिए. इस लेटेस्ट डेटा डंप में बॉन्ड पर यूनिक अल्फान्यूमेरिक नंबर शामिल था, जिससे देने वाला और लेने वाला की पहचान में मदद मिली.
भाजपा के बाद टीएमसी लाभार्थी
आंकड़ों के आकलन के अनुसार, रूलिंग पार्टी भाजपा चुनावी बॉन्ड योजना की सबसे बड़ी लाभार्थी थी, जिसे अप्रैल 2019 से 6,061 करोड़ रुपये मिले. 1,610 करोड़ रुपये के साथ तृणमूल कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही और कांग्रेस को 1,422 करोड़ रुपये मिले.
कुल मिलाकर बॉन्ड का सबसे बड़ा खरीदार फ्यूचर गेमिंग ग्रुपथा, जिसने 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे. आंकड़ों से पता चलता है कि इसके सबसे बड़े लाभार्थी डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ भाजपा थे, जिन्हें लगभग 100 करोड़ रुपये का फायदा हुआ.