हैदराबाद: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट 2024 पेश किया. बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और युवाओं के लिए घोषणाएं की गई हैं. इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों के लिए फंड की घोषणा की गई है. बजट दस्तावेजों से पता चलता है कि ब्याज भुगतान संसाधनों पर सबसे बड़ा बोझ है. इसके बाद रक्षा और सब्सिडी पर सबसे ज्यादा खर्च होता है.
सबसे ज्यादा खर्च वाले टॉप 10 प्रमुख क्षेत्र (ETV Bharat GFX) सब्सिडी पर व्यय के रूप में सरकार खाद्य पर 2,05,250 करोड़ रुपये, उर्वरक पर 1,64,000 करोड़ रुपये और पेट्रोलियम पर 11,925 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में खर्च करती है. इन सबके अलावा केंद्र सरकार अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा टैक्स प्रशासन, जीएसटी क्षतिपूर्ति और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को हस्तांतरण पर भी खर्च करती है.
राजकोषीय घाटा 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य
वर्ष 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.9 प्रतिशत अनुमानित है. वित्त मंत्री सीतारमण के अनुसार, उधार को छोड़कर सरकार को कुल 32.07 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान हैं, जबकि कुल व्यय 48.21 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है. सीतारमण के अनुसार, सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है. राजकोषीय घाटा सरकार की कमाई और खर्च के बीच का अंतर है, जो यह बताता है कि उसे कितना उधार लेने की आवश्यकता हो सकती है.
बुनियादी ढांचे पर खर्च के लक्ष्य में कोई बदलाव नहीं
केंद्र सरकार ने बजट में घोषणा की है कि मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए बुनियादी ढांचे पर रिकॉर्ड 11,11,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. यह खर्च लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट में की गई घोषणा के समान है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि बुनियादी ढांचे पर खर्च देश की (जीडीपी का 3.4 प्रतिशत होगा.
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