जयपुर. 30 साल से चली आ रही यमुना के पानी की योजना अब धरातल पर उतरने जा रही है. यमुना के पानी को हरियाणा अब राजस्थान को देगा. राजस्थान की पानी की जरूरतों को देखते हुए हरियाणा पड़ोसी का धर्म निभाएगा. दिल्ली में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में समझौता हुआ. इस समझौते से राजस्थान के शेखावाटी के तीन जिलों में पीने के पानी की सप्लाई होगी. समझौते के बाद सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि लम्बे समय से अटकी हुई योजना अब धरातल पर उतरेगी. कांग्रेस सरकार ने इस योजना पर ध्यान नहीं दिया. इसकी वजह से प्रदेश के तीन जेलों में आम जनता को पीने के पानी से परेशन होना पड़ा.
कांग्रेस पर निशाना :लम्बे समय से चली आ रही इस मांग के पूरा होने पर सीएम भजनलाल शर्मा ने पहले तो हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय मंत्री को धन्यवाद दिया. उसके बाद पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जमकर घेरा. सीएम भजनलाल ने कहा कि यह लंबे समय से लंबित योजना थी, जिस पर ध्यान नहीं दिया गया. कांग्रेस की सरकार कभी इस तरह के कामों पर ध्यान नहीं देती है. राजस्थान में भाजपा सरकार है और हरियाणा में भाजपा सरकार है. सीएम मनोहर लाल ने बड़ा दिल करते हुए इस योजना को आगे बढ़ने पर सहमति दी है. इसमें तीन पाइपलाइन राजस्थान की और एक पाइपलाइन हरियाणा की डलने वाली है. हरियाणा का भी बॉडर तक पानी जाने वाला है, इसके लिए DPR पर सहमति हुई है. इस योजना से प्रदेश के तीन जिले चूरू, सीकर, झुंझुनू में पानी की दिक्कत खत्म होगी. राजस्थान इन जिलों में पीने की पानी की पूरी व्यवस्था होगी.
बीजेपी की नीयत में खोट : कांग्रेस प्रवक्ता और यमुना जल संघर्ष समिति के संयोजक यशवर्धन सिंह ने कहा कि आज यमुना के समझौते को लेकर केंद्र और राज्य सरकार वाहवाही लूट रही है. यह सिर्फ जनता को गुमराह करने की कोशिश है. यमुना के पानी के लिए पिछले 30 साल से शेखावाटी के लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है. 1994 में एग्रीमेंट हुआ, 2017 तक कुछ नहीं हुआ तो एक याचिका के रूप में हम कोर्ट गए. कोर्ट के आदेश के बाद 2019 में 31000 करोड़ की डिटेल डीपीआर तैयार करके रिपोर्ट केंद्रीय जल आयोग को भेजी गई, ताकि वहां पर उसको टेक्निकल अप्रूवल मिल सके और उसके बाद काम चालू हो सके. केंद्रीय जल आयोग 2019 से 2024 तक उस रिपोर्ट को सिर्फ इसलिए लेकर बैठा था, क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी और उसका श्रेय कांग्रेस को नहीं मिल जाए.