हैदराबाद : हर साल 23 अप्रैल को विश्व टेबल टेनिस दिवस मनाया जाता है. यह दुनिया भर के लोगों को इस खेल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने का भी दिन है. टेबल टेनिस दिवस विकास और शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस का प्रतीक है. टेबल टेनिस का दूसरा नाम पिंग-पोंग है. कुछ लोग इस गेम को व्हिफ-हाफ के नाम से भी जानते हैं. यह खेल टेनिस पर आधारित है.
विश्व टेबल टेनिस दिवस 1926 में पहली विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप के आयोजक और आईटीटीएफ के संस्थापक और प्रारंभिक अध्यक्ष आइवर मोंटेगु को श्रद्धांजलि देता है. नियमों और विनियमों के मामले में टेबल टेनिस लॉन टेनिस के समान है. टेबल टेनिस घर के अंदर छोटे पैडल का उपयोग करके खेला जाता है.
टेबल के मध्य में एक जाल है जहां खिलाड़ी गेंद को उछालते हैं. टेबल टेनिस 2 या 4 खिलाड़ियों के साथ खेला जा सकता है. पेशेवर एथलीटों के अलावा, यह खेल स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भी व्यापक रूप से खेला जाता है, जहां विभिन्न प्रतियोगिताएं (अंतर-राज्य और राष्ट्रीय स्तर) आयोजित की जाती हैं.
टेबल टेनिस का इतिहास:
टेबल टेनिस के खेल का भारत में एक लंबा और समृद्ध इतिहास रहा है. हालांकि इस खेल का आविष्कार मूल रूप से 19वीं सदी के उत्तरार्ध में इंग्लैंड में हुआ था. मूल रूप से, इस खेल को 1901 तक 'पिंग-पोंग' कहा जाता था, जब तक यह टेबल टेनिस का पुनः नामकरण किया गया.
भारत में टेबल टेनिस की यात्रा बीसवीं सदी के शुरू हुई. भारत में 1937 में कोलकाता (कलकत्ता) में टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया (टीटीएफआई) की स्थापना के बाद से खेल प्रेमियों ने संगठित तरीके से टेबल टेनिस खेलना शुरू कर दिया. टीटीएफआई अंतररार्ष्ट्रीय टेबल टेनिस का एक सक्रिय सदस्य है, जिसकी स्थापना 1926 में हुई थी.
भारत में टेबल टेनिस के मानक के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ियों को 1988 में सियोल ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा गया था. इसी साल टेबल टेनिस को पहली बार ओलंपिक में शामिल किया गया था.
टेबल टेनिस के प्रकार: