पर्वतारोही और एथलीट बंशीलाल नेताम का निधन, नेपाल के एचएएमएस अस्पताल में ली अंतिम सांस - Banshilal Netam Passes Away - BANSHILAL NETAM PASSES AWAY
कांकेर के पर्वतारोही बंशीलाल नेताम का सोमवार दोपहर निधन हो गया. बंशीलाल नेपाल के एचएएमएस अस्पताल में भर्ती थे. पिछले कई दिनों से उनका नेपाल में इलाज चल रहा था.
कांकेर:साइकिलिंग में विश्व रिकॉर्ड बना चुके एथलीट, पर्वतारोही बंशीलाल नेताम का निधन हो गया. बंशीलाल छत्तीसगढ़ पुलिस में कमांडो ट्रेनर थे. बंशीलाल साइकिलिंग में विश्व रिकॉर्ड बना चुके थे. इसके साथ ही वो एथलीट, पर्वतारोही, बाइक राइडर, महान प्रेरक वक्ता थे. 20 मई को वे माउंट एवरेस्ट पर हुए दुर्घटना का शिकार हो गए थे. इसके बाद उनका नेपाल में इलाज चल रहा था. सोमवार दोपहर तीन बजे उन्होंने नेपाल के एचएएमएस अस्पताल में अंतिम सांस ली.
कालानाग पर्वत फतह करने वाले पहले व्यक्ति थे बंशीलाल: बंशीलाल नेताम उत्तराखंड के कालानाग पर्वत फतह करने वाले छत्तीसगढ़ के पहले व्यक्ति थे. उन्होंने 11 दिन तक माइनस 15 डिग्री तापमान में चढ़ाई कर छह हजार मीटर से भी अधिक की चढ़ाई पूरी की थी. इसी साल अप्रैल महीने में वे माउंट एवरेस्ट शिखर पर चढ़ाई (8850+ मीटर) के लिए नेपाल गए थे. इस दौरान उन्होंने 19 मई 2024 तक 6400 मीटर की चढ़ाई पूरी की.
नेपाल के एचएएमएस अस्पताल में ली अंतिम सांस: 20 मई को बंशीलाल नेताम माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान हादसे का शिकार हो गए थे. इसके बाद बंशीलाल को नेपाल के एचएएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया. पिछले कई दिनों से वो आईसीयू में थे. सोमवार दोपहर 3 बजे उनका निधन हो गया. नेपाल के एचएएमएस अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली.
बंशीलाल नेताम हमारे यहां आरक्षक के पद पर पदस्थ थे. वे छुट्टी लेकर 70 दिनों के लिए गए हुए थे. इस दौरान उनके साथ हादसा हो गया. 20 मई को उनकी तबीयत खराब हुई. 21 मई को उनको नेपाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया. एयरलिफ्ट संभव नहीं था. एम्स में भी बात की गई थी. एक हफ्ते के लिए उनको ऑब्जरवेशन में रखा गया था. हालांकि आज दोपहर साढ़े तीन बजे उनका देहांत हो गया. -अविनाश ठाकुर, डीएसपी कांकेर
नक्सली मोर्चे पर भी बंशीलाल ने किया है काम: वर्ल्ड रिकार्ड बनाने से पहले बंशीलाल मोटर साइकिल से दो बार पूरे भारत का भ्रमण कर चुके थे. छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में कांस्टेबल भी रहे हैं. उन्होंने बीजापुर सहित दक्षिण बस्तर कांकेर के कई संवेदनशील इलाके में नक्सली मोर्चों पर काम किया है. दर्जनों पुलिस नक्सली मुठभेड़ में बंशीलाल शामिल रह चुके हैं और अपनी गोली से नक्सलियों को मार गिराया था. बंशी लाल के साथी जवानों का मानना है कि बंशीलाल का निशाना अचूक था. जब उन्हें दिल्ली में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड से नवाजा गया, तब उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस का बैनर लहराना नहीं भूला था. बंशीलाल कांकेर के कई ग्रामीण बच्चों को पर्वतारोहण की निःशुल्क ट्रेनिग भी देते थे, अचनाक उनके मौत से पूरे क्षेत्र के साथ ही पुलिस परिवार भी शोक में डूब गया है.