नई दिल्ली: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू हुए अभी कुछ दिन हुए हैं. राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने गुरुवार को सभी समुदायों, खासकर घाटी और पहाड़ी इलाकों के युवाओं से आह्वान किया कि वे खुद से आगे आएं और लूटे गए तथा अवैध हथियारों और गोला-बारूद को नजदीकी पुलिस थाने में जमा करें. ऐसे नहीं करने पर उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
सात दिनों की डेड-लाइन देते हुए राज्यपाल भल्ला ने कहा, "मैं सभी समुदायों के लोगों, खासकर घाटी और पहाड़ी इलाकों के युवाओं से अनुरोध करता हूं कि वे स्वेच्छा से आगे आएं और लूटे गए तथा अवैध रूप से रखे गए हथियार और गोला-बारूद को आज से अगले सात दिनों के भीतर नजदीकी पुलिस थाने या चौकी या सुरक्षा बल शिविर में जमा करें. इन हथियारों को वापस करने का आपका एक भी कार्य शांति सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम हो सकता है. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि अगर ऐसे हथियार निर्धारित समय-सीमा के भीतर वापस कर दिए जाते हैं तो कोई दंडात्मक कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी. इसके बाद, ऐसे हथियार रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."
भल्ला ने कहा कि इंफाल घाटी और पहाड़ी दोनों क्षेत्रों में मणिपुर के लोगों को पिछले 20 महीनों से शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करने वाली दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की वजह से भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, "सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए, ताकि लोग सामान्य दिनचर्या में वापस लौट सकें, राज्य के सभी समुदायों को दुश्मनी को खत्म करने और समाज में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आगे आना चाहिए."
भल्ला ने कहा कि सरकार स्थिति का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने और राज्य के युवाओं के भविष्य की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, "आइए हम एक उज्जवल भविष्य के लिए आशा और विश्वास के साथ अपने राज्य का पुनर्निर्माण करें. आगे आएं और शांति कायम करें."