पटना :बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को लेकर इन दिनों चर्चा हो रही है कि वह राजनीति में कदम रख सकते हैं. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अगर निशांत राजनीति में आते हैं तो हरनौत से चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, इस संबंध में जदयू के कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, और पार्टी के शीर्ष नेता लगातार इसे नकारते रहे हैं. साथ ही यह भी कहते हैं कि अगर निशांत राजनीति में आएंगे तो उनका स्वागत किया जाएगा.
नीतीश के उत्तराधिकारी पर चर्चा :नीतीश कुमार लगभग चार दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं. पिछले दो दशकों से बिहार की सत्ता में केंद्रित हैं. उनके स्वास्थ्य और उम्र को लेकर हमेशा चर्चा होती रही है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा? हालांकि, अब तक जदयू में उनके उत्तराधिकारी के नाम पर कोई स्पष्टता नहीं आई है.
बिहार में कई पार्टियों के बेटे-बेटी सक्रिय : बिहार के कई बड़े नेताओं के बेटे राजनीति में सक्रिय हैं, जैसे लालू प्रसाद यादव, रामविलास पासवान और जीतन राम मांझी के बेटे, लेकिन नीतीश कुमार ने अपने बेटे निशांत कुमार को राजनीति से दूर रखा है. इसके बावजूद, जदयू के कई नेता और नीतीश कुमार के परिवार के सदस्य चाहते हैं कि निशांत राजनीति में आएं. इस पर चर्चा पिछले दो वर्षों से चल रही है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के वरिष्ठ नेता इसे खारिज करते रहे हैं.
हरनौत से चुनाव लड़ने की संभावना :नीतीश कुमार ने 1985 में हरनौत विधानसभा से चुनाव जीतकर अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. ऐसी चर्चा है कि यदि निशांत राजनीति में आते हैं तो वह भी हरनौत से ही चुनाव लड़ सकते हैं. वर्तमान में हरनौत के विधायक हरि नारायण सिंह हैं, जिनसे यह सवाल किया गया तो उन्होंने इसे अफवाह बताया. उन्होंने कहा कि ''नीतीश कुमार ऐसा कुछ भी नहीं कर सकते हैं और मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.''