बलरामपुर में हाथियों का आतंक फिर बढ़ा, गजराज के हमले में 'भगवान' की मौत - wild elephant kills elderly man
बलरामपुर के राजपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों की दहशत फिर कायम हो गई है. हाथी के हमले में एक 65 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई. नरसिंहपुर में बुजुर्ग रामसूरत भगवान अपने रिश्तेदारों के यहां गया था. वहां से लौटने के दौरान गजराज ने उसके ऊपर अटैक कर दिया. जिसमें उसकी मौत हो गई.
बलरामपुर: बलरामपुर से एक बार फिर हाथी के हमले की खबर आई है. सोमवार रात को यहां महान नदी के पास एक जंबो हाथी ने बुजुर्ग पर हमला कर दिया . इस घटना में बुजुर्ग रामसूरत भगवान की मौत हो गई. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रामसूरत भगवान अपने रिश्तेदार के यहां से होली मनाने के बाद लौट रहा था तभी हाथी ने उसके ऊपर हमला कर दिया. हाथी ने रामसूरत भगवान को कुचल कुचलकर मार डालाट
नरसिंहपुर से लौटने के दौरान हाथी ने किया हमला: 65 साल का बुजुर्ग रामसूरत भगवान मरकडाड से सोमवार की शाम को पैदल नरसिंहपुर होली मनाने अपने रिश्तेदारों के यहां गया था. इस दौरान उसे वन कर्मियों ने आगाह किया कि इलाके में हाथियों का दल घूम रहा है. इसलिए जंगल की ओर जाने का अपना प्लान वह कैंसिल कर दे, लेकिन रामसूरत ने एक भी नहीं सुनी और वह नरसिंहपुर की ओर चला गया. रात को लौटते वक्त एक जंगली हाथी ने उसके ऊपर हमला कर दिया. जिसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई. मंगलवार की सुबह रामसूरत भगवान का शव जंगल से मिला है.
"रामसूरत भगवान शराब के नशे में होने के कारण हाथी को नहीं देख सका और कुछ समझ नहीं पाया. वह हाथी के नजदीक चला गया जिससे हाथी के हमले में उसकी मौत हो गई. फिलहाल वन विभाग की टीम पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. हाथी के लोकेशन को लगातार ट्रेस कर ग्रामीणों को समझाइश दी जा रही है. फौरी तौर पर 25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मृतक के परीजनों को दी गई है.": महाजन साहू, फॉरेस्ट रेंजर, राजपुर
मृतकों के परिजनों को दी गई आर्थिक सहायता: वन विभाग की ओर से मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी गई है. 25 हजार रुपये की तत्काल राहत राशि रामसूरत भगवान के परिजनों को सौंपी गई है. इस केस में मुआवजे की शेष राशि आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जारी की जाएगी.
छत्तीसगढ़ में हाथी मानव संघर्ष चिंता का विषय: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में हाथी मानव संघर्ष चिंता का विषय बना हुआ है.राज्य के विशेषकर उत्तरी भाग में मानव-हाथी संघर्ष पिछले एक दशक से चिंता का एक प्रमुख कारण रहा है. इस खतरे का सामना करने वाले जिलों में मुख्य रूप से सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, बालोद, बलरामपुर और कांकेर जिले आते हैं. वन विभाग से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते तीन साल में 240 से अधिक लोग हाथी के हमले में मारे गए हैं.