बस्तर:बस्तर के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में कई पर्यटन स्थल मौजूद हैं. इसके अलावा यहां बड़ी संख्या में वन्य जीव पाए जाते हैं. इसी कांगेर घाटी राष्टीय उद्यान में छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना भी पाई जाती है. पहाड़ी मैना के साथ ही अन्य वन्य जीवों के संरक्षण का काम विभाग की ओर से किया जा रहा है. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के प्रबंधकों की मानें तो पिछले 2 सालों में पहाड़ी मैना और अन्य वन्य जीवों के संरक्षण के बाद उनकी संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. इसके अलावा बीजापुर इंद्रावती टाइगर रिजर्व में भी तेंदुआ, बाघ और वन भैंसों का संरक्षण किया जा रहा है.
कांगेर वैली से आई खुशखबरी, पहाड़ी मैना और मगरमच्छ सहित कई वन्य जीवों की संख्या में इजाफा - Kanger Valley
wild animals number increasing in Kanger Valley: बस्तर के कांगेर वैली में वन्य जीवों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इसमें पहाड़ी मैना, मगरमच्छ सहित कई जीवों का संरक्षण किया जा रहा है. पार्क प्रबंधन इस बात से काफी खुश है.
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Mar 3, 2024, 9:55 PM IST
215 प्रजाति के पक्षियों की हुई गणना: इस बारे में ई़टीवी भारत ने नेशनल पार्क के निदेशक गणवीर धम्मशील से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि, "पिछले 2 सालों में विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि मैना की संख्या में वृद्धि हो. साथ ही उनके संरक्षण का काम किया जाए. राष्ट्रीय उद्यान में मैना संरक्षण के लिए मैना मित्र योजना चलाई जा रही है. इसके कारण मैना का रहवास सुरक्षित है. उनकी संख्या में वृद्धि हुई है. कुछ ही दिनों पहले बर्ड काउंट में 215 प्रजाति के पक्षियों की पुष्टि हुई है और 15 से अधिक गांवों में मैना दिखाई देने लगी है. यह अपने आप में छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि है. इस काम में ग्रामीणों की सहभागिता होने से यह योजना सफल हुई है. छोटे बच्चे से लेकर बड़े जागरूक होकर मैना को बचाने में लगे हैं."
बता दें कि राष्ट्रीय उद्यान में मगरमच्छ संरक्षण का काम भी किया जा रहा है. इसके साथ ही दुर्लभ वन्य जीव जैसे माउस डियर, जॉइंट्स क्रो, जंगली भेड़िया, ऑटर जैसे वन्य जीव राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाते हैं. इन वन्य जीवों का संरक्षण भी कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में किया जा रहा है.